नई दिल्ली-रायपुर. न्यूजअप इंडिया
हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पूर्ण बहुमत हासिल किया है। इन राज्यों में पार्टी ने सांसदों को मैदान में उतारा था। जो सांसद विधानसभा चुनाव जीत गए उनमें से 10 सांसदों ने 6 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद अपना-अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दिया। इन सांसदों में छत्तीसगढ़ से अरुण साव और गोमती साई, मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक और राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीना शामिल हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने 4 राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में 21 सांसदों को विधायकी का टिकट दिया था। अब बीजेपी हाईकमान ने विधानसभा चुनाव जीतकर आए सांसदों से मुलाकात कर और संसद सदस्यता छोड़ने का फैसला किया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सभी संसद सदस्य लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप सिंह धनखड़ से मिले और अपना-अपना इस्तीफा सौंप दिया। इधर छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और सांसद अरुण साव ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुमति लेकर, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद लेकर। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के समक्ष सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सांसद पद से अपना इस्तीफा सौंपा है।
इन सांसदों की बनी रहेगी सदस्यता?
बता दें कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान के एक-एक सांसद ने इस्तीफा नहीं दिया है। इसमें राजस्थान के बाबा बालकनाथ और छत्तीसगढ़ की रेणुका सिंह शामिल हैं। इसके बाद से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में बाबा बालकनाथ का नाम जोड़ जा रहा है। इधर छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह का नाम मुख्यमंत्री का चेहरा होने की चर्चाएं हैं। अगर दोनों सांसदों ने संसद सदस्यता नहीं छोड़ी है तो इस रेस में उनका नाम बाहर हो जाएगा। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर से विधायक का चुनाव जीतने वाले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा मैं जल्द ही कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।