रायपुर। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त के दिन छत्तीसगढ़ के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किस्त की राशि 1894 करोड़ 93 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महासमुंद में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों के खातों में ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करेंगे। योजना के तहत शेष दो किस्तों की राशि का भुगतान किसानों को अक्टूबर और मार्च महीने में किया जाएगा, जो लगभग 4000 करोड़ रुपये की होगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजना के तहत 6800 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन पिछले खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या, रकबा और धान की रिकॉर्ड खरीदी को देखते हुए किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है।
बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत कृषि लागत में कमी लाने, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। खरीफ वर्ष 2019 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 20 हजार 103 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत मिलने वाली की दूसरी किस्त की राशि को मिलाकर यह आंकड़ा 21,997 करोड़ 96 लाख रुपये हो जाएगा।
किसानों की संख्या में इजाफा, रकम भी बढ़ रहा
न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 के धान उत्पादक 18.43 लाख किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से 5627 करोड़ 2 लाख रुपये इनपुट सब्सिडी दिया गया था। वहीं खरीफ वर्ष 2020 के धान उत्पादक 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रुपये का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया। वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ और उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है। कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किए गए रकबे में धान के बदले अन्य फसलों की खेती, उद्यानिकी और वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दिया जा रहा है। खरीफ वर्ष 2021 में 23.35 लाख कृषकों को 7028 करोड़ की इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया जा चुका है।
सेंट्रल पूल में धान देने वाला दूसरा बड़ा राज्य
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी के चलते राज्य में खेती-किसानी को बड़ा संबल मिला है। खेती छोड़ चुके लोगों का रुझान फिर से खेती की ओर बढ़ा है। वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख से अधिक की वृद्धि और उपार्जित धान की मात्रा दोगुनी हो गई है। वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक हर साल राज्य में धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान देने के मामले में देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में पहले नंबर पर है।
गोबर विक्रेताओं को 9.65 करोड़ को होगा भुगतान
20 अगस्त को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 9.65 करोड़ रुपये की राशि जारी करेंगे। गोबर विक्रेताओं के खातों में यह राशि ट्रांसफर की जाएगी। उक्त राशि में गोबर विक्रेताओं को 4.40 करोड़ रुपये, गोठान समितियों को 3.09 करोड़ रुपये एवं स्व-सहायता समूहों की 2.16 करोड़ रुपये की लाभांश राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 541 करोड़ 66 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 20 अगस्त को 9.65 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद यह राशि 551.31 करोड़ रुपये हो जाएगा।