20.1 C
Raipur
Thursday, November 21, 2024

PHE घोटालाः 16 से बढ़कर 34 करोड़ पहुंची रकम, जांच करने SIT गठित, 71 खातों में ट्रांसफर हुई थी राशि, कैसे हुआ फर्जीवाड़ा जानिये…

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के बहुचर्चित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) में हुए घोटाला मामले का पर्दाफाश करने अब एसआईटी का गठन कर दिया है। अब तक इस मामले में पीएचई के पांच बड़े अधिकारी सहित 74 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। पीएचई विभाग के संधारण खंड-1 में घोटाला 16 करोड़ 24 लाख रुपये का सामने आया था, जिसकी राशि बढ़कर अब 33 करोड़ 80 लाख रुपये तक पहुंच गई है। 5 सदस्यीय विभागीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। गड़बड़ी की जांच अभी जारी है। घोटाला की रकम 50 करोड़ से ज्यादा होना बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि 27 जुलाई को वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपये का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे। अंतरिम जांच रिपोर्ट 23 अगस्त को प्रस्तुत की गई। घोटाले की राशि 18 करोड़ 92 लाख 25 हजार 399 रुपये तक पहुंच गई थी। प्रमुख अभियंता पीएचई भोपाल ने 31 जुलाई को मुख्य अभियंता व्हीपी सोनकर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। वहीं ग्वालियर थाने में दर्ज एफआईर में भी जांच का दायरा बढ़ रहा है। एसआईटी की जांच के बाद गड़बड़ी करने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली है।

FIR में 74 लोगों के नाम बढ़ाए गए हैं
ग्वालियर थाना क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज होने के बाद ग्वालियर एसपी राजेश सिंह ने घोटाले का पर्दाफाश करने एसआईटी का गठन कर दिया है और उसकी कमान भी आईपीएस अधिकारी ऋषिकेश मीणा को सौंपी गई है। शुरुआती दौर में घोटाले के मास्टरमाइंड पंप ऑपरेटर हीरालाल, उसके भतीजे कंप्यूटर ऑपरेटर, दो अफसरों सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अब ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पीएचई के पांच अधिकारियों सहित 74 लोगों के नाम एफआईआर में बढ़ाए हैं। एसआईटी के जांच अधिकारी का कहना है कि गड़बड़ी में और लोगों के नाम सामने आने की संभावना है। वहीं भ्रष्टाचार की रकम 50 करोड़ से ज्यादा भी हो सकती है।

74 बैंक खातों में ट्रांसफर की गई रकम
SIT जांच अधिकारी एएसपी ऋषिकेश मीणा ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पीएचई विभाग में घोटाले की एसआईटी कर रही है। मृतक और रिटायर्ड कर्मचारियों के खातों में फेरबदल कर घोटाले की रकम ट्रांसफर कर बंदरबांट किया गया है। बड़ी रकम फर्जी तरीके से 74 बैंक खातों में ट्रांसफर हुई थी। अब पूछताछ में यह बात सामने आएगी कि आखिर भुगतान क्यों किया गया। एक निर्माण कंपनी को भी भुगतान किया गया है।

मृत और सेवानिवृत के नाम पर भी रकम
ऋषिकेश मीणा ने बताया कि ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 65 खातेदारों के 81 खातों में फर्जी तरीके से भुगतान हुआ था। अब घोटाले की रकम 33 करोड़ 80 लाख रुपये तक पहुंच गई है। ट्रेजरी की रिपोर्ट में मृत और सेवानिवृत्त लोगों के नाम पर भी राशि का आहरण की बात कही गई है। वहीं मुख्य अभियंता पीएचई का कहना है कि चूंकि वित्त व पीएचई की जांच रिपोर्ट में राशि में काफी अंतर है, इसलिए ईएनसी से चर्चा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here