जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर से बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बेहद करीबी मंत्री के यहां केंद्र सरकार की एजेंसी यानी ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापा मारा है। ईडी की इस छापेमारी कार्रवाई में कुछ दस्तावेज हाथ लगने की सूचना मिली रही है। मंत्री राजेंद्र कुमार यादव जयपुर के कोटपुतली कस्बे के रहने वाले हैं। उनका और उनके बेटे का फूड बिजनेस है। जयपुर के अलावा अलवर, बहरोर और विराटनगर में भी यह एक्शन जारी है। मिड-डे मील घोटाले को लेकर यह छापेमारी की गई है। दिल्ली से आई टीमों ने 10 से अधिक ठिकानों पर एक साथ रेड मारी है।
मंगलवार की सुबह ईडी ने जयपुर-कोटपुतली में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मंत्री राजेंद्र यादव अपने कोटपुतली आवास पर थे, उस समय दिल्ली से आई टीमों ने उनके घर को घेर लिया। ईडी की इन टीमों ने घर से बाहर किसी को जाने नहीं दिया और किसी को बाहर से अंदर भी नहीं आने दिया। राजेन्द्र यादव पर एक साल पहले भी इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। उस समय भी यादव के करीब पचास से ज्यादा ठिकानों से दस्तावेज और महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए थे। हांलाकि इन कागजात में क्या था यह आज तक बाहर निकलकर नहीं आ सका है। इस पर छापा मिड-डे-मिल को लेकर पड़ना बताया जा रहा है। इधर चुनाव से पहले ईडी की इस कार्रवाई को कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। ईडी के छापों को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।
2018 में भी पड़ा था ईडी का छापा
आरोप है कि शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों के लिए मिड-डे-मील स्कीम के ठेके रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनियों को ऊंची कीमत पर दिए हैं, लेकिन बच्चों को खराब क्वालिटी का सामान दिया जा रहा था। यादव और उनकी फर्म राजस्थान सरकार को मिड डे मील की सप्लाई करती हैं। यह मिड डे मील राजस्थान के लाखों छात्र हर रोज खाते हैं। मिड-डे-मिल को लेकर पहले भी रेड पड़ चुकी है। 2018 में जब यह सब हो रहा था तब विधायक फूड पैकेजिंग और उत्पादन कंपनी के एमडी थे। ईडी सर्च के बीच राजेंद्र यादव से संपर्क नहीं हो सका है। हालांकि, उन्होंने पिछले साल इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद आरोपों से इनकार किया था। खबर लिखे जाने तक ईडी अधिकारियों ने कोई बयान नहीं जारी किया था।