नई दिल्ली-रायपुर. न्यूजअप इंडिया
ऐप्पल फोन का इस्तेमाल कर रहे कांग्रेस के राहुल गांधी, टीएस सिंहदेव सहित कई विपक्षी नेताओं को कंपनी की ओर से थ्रेट अलर्ट आया है, जिसमें ‘राज्य-प्रायोजित’ निगरानी की बात कही गई है। टीएस सिंहदेव ने बताया कि स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स द्वारा उनके आईफोन को टार्गेट किए जाने की संभावना है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की राजनीतिक संलिप्तता है तो यह भारत के लोकतंत्र और व्यक्ति की निजता का हनन है।
उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने ऐप्पल से प्राप्त ईमेल की तुलना पेगासस जैसे घटना से करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ में चुनाव के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं, तब इस प्रकार का इमेल प्राप्त होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार की जिम्मेदारी सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं बल्कि व्यक्ति की निजता का सुरक्षा भी भारत सरकार की जिम्मेदारी है और यदि प्रकार की कोई घटना होती है तो यह शासन की डिजिटल सुरक्षा प्रणाली पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
इधर नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी ने ऐप्पल उपकरणों की ‘हैकिंग’ को लेकर कहा कि बहुत कम लोग इसके खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन हम डरे हुए नहीं हैं। आप जितनी चाहें उतनी (फोन) टैपिंग कर सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आप मेरा फोन लेना चाहो तो मैं वो दे दूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यालय में कई लोगों को यह संदेश मिला है। कांग्रेस में, केसी वेणुगोपाल जी, सुप्रिया, पवन खेड़ा, सीताराम येचुरी, टीएस सिंहदेव को भी यह संदेश मिला है। वे (भाजपा) युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा जाति जनगणना के बिना युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं है।
ऐप्पल से आए अलर्ट पर सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि मुझे कल रात एप्पल से एक ई-मेल मिला, जिसमें उल्लेख किया गया था कि ‘राज्य-प्रायोजित’ निगरानी की जा रही है, और आपका फोन और सभी सिस्टम हैक हो रहे हैं और इससे निपटना मुश्किल है। हमारे संविधान के मुताबिक, गोपनीयता प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।
वहीं बढ़ते सियासी बवाल के बीच ऐप्पल ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा ‘ऐप्पल किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को खतरे की सूचना का श्रेय नहीं देता है।’ ये धमकी भरे नोटिफिकेशन उन लोगों को भेजे गए हैं जिनके अकाउंट 150 देशों में हैं। वहीं सरकार की ओर से सफाई देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत चिंतित है और इस मुद्दे के तह तक जाएगी। हमने इसमें जांच शुरू कर दी है।