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Wednesday, February 5, 2025

चंडीगढ़ की सीमा पर पंजाब-हरियाणा के किसानों का महाजमावड़ा, राशन-पानी लेकर पहुंचे, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात, क्या है वजह जानिए

चंडीगढ़. एजेंसी। फसलों के एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइज) सहित अपनी अन्य मांगों को पूरा करवाने पंजाब और हरियाणा के हजारों किसानों ने चंडीगढ़ सीमा पर डेरा डाल दिया है। चंडीगढ़ में 26 से 28 नंवबर तक किसानों का प्रदर्शन चलेगा। पंजाब के किसानों ने मोहाली में डेरा जमाया है तो हरियाणा के किसानों ने पंचकूला को ठिकाना बनाया है। यहां से किसान चंडीगढ़ में प्रवेश करेंगे। किसानों को रोकने चंडीगढ़ सीमा पर भारी संख्या में पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और अर्धसैनिक बल को तैनात किया गया।

दरअसल, पंजाब के किसानों ने मुख्यमंत्री आवास और राजभवन तक कूच का ऐलान किया है। किसान संगठन पूरी तैयारी के साथ पहुंचे हैं। वह अपने साथ राशन-पानी तक लाए हैं। किसानों के इतने बड़े स्तर पर प्रदर्शन से निपटने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर पंजाब पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। यहां बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं। चंडीगढ़ सीमा पर यूटी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। वाटर कैनन, आंसू गैस और दंगा विरोधी टीम की विशेष तैनाती है। पंचकूला में 10 कंपनियों के 900 पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया है। 12 स्थानों पर पुलिस ने नाके लगाए और सभी नाकों पर थ्री लेयर सुरक्षा की गई है।

पंचकूला में जुटे हरियाणा के किसान
हरियाणा के किसान पंचकूला में तीन दिन का महापड़ाव करेंगे। किसानों के साथ कर्मचारियों ने भी अपनी ताकत झोंक दी है। किसानों को केंद्रीय ट्रेड यूनियन और कर्मचारी फेडरेशन का साथ मिल रहा है। उधर, पंचकूला के सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात है। सेक्टर-5 ग्राउंड में किसान और कर्मचारी एकजुट होने लगे हैं।

धरना-प्रदर्शन में 33 संगठन शामिल
धरने में 33 किसान संगठन शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के प्रेस सचिव रणबीर सिंह ने राज्य और केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, अभी हाल ही में हुई बैठक में गन्ना मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया, लेकिन मुख्यमंत्री अब भी टालमटोल कर रहे हैं। उधर, केंद्र सरकार ने भी दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस अभी तक रद्द नहीं किया है। 27 नवंबर को किसान बैठक करेंगे। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसान दो महीने का राशन लेकर पहुंचे हैं। जरूरत पड़ने पर लंबे समय तक प्रदर्शन करेंगे।

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