दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए 2 हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसता जा रहा है। सूबे के आबकारी आयुक्त समेत 5 के खिलाफ ईडी के आदेश पर नोएडा के कसाना थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। स्पेशल सेक्रेटरी अरुणपति त्रिपाठी, IAS निरंजन दास, IAS अनिल टुटेजा, प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विधु गुप्ता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
FIR के बारे में ED ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच कर रही है। पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि नोएडा स्थित मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से टेंडर जारी किया गया था। छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति के लिए निविदा दिया गया था, जिसमें प्रति होलोग्राम 8 पैसे कमीशन तय था।
टेंडर में हिस्सा लेने की पात्र नहीं थी कंपनी
ED के मुताबक कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने अपात्र थी, लेकिन कंपनी के मालिकों को फायदा पहुंचाने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों अरुणपति त्रिपाठी विशेष सचिव उत्पाद शुल्क, निरंजन दास आईएएस (आबकारी आयुक्त) और अनिल टुटेजा आईएएस की मिलीभगत से टेंडर दे दिया गया। बदले में उन्होंने प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया। सूबे के आला अधिकारियों और कुछ राजनेताओं पर पर मिलीभगत का आरोप है। ED की सिफारिश पर नोएडा के कसाना थाने में दर्ज FIR में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 473, 484 और 120-B के तहत मामला दर्ज किया गया है।