रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट पर 12 प्रत्याशियों ने कुल 18 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 28 मार्च को होगी। नाम वापसी की तारीख 30 मार्च 2024 है। प्रथम चरण में बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी-कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाई। जगदलपुर में दोनों पार्टियों की नामांकन रैली में जबरदस्त उत्साह दिखा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि लोकसभा चुनाव के द्वितीय चरण के लिए 28 मार्च को अधिसूचना जारी की जाएगी। दूसरे चरण में महासमुंद, कांकेर और राजनांदगांव लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल 2024 है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 5 अप्रैल को होगी। नाम वापस की अंतिम तिथि 8 अप्रैल 2024 है। द्वितीय चरण के लिए मतदान 26 अप्रैल को होगा।
बस्तर से निर्दलीय उम्मीदवार जीतते रहे
बस्तर लोकसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 1952 में पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई थी। वर्ष 1952 के पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मुचाकी कोसा ने 83.05 प्रतिशत वोट की रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। आज तक कोई भी उम्मीदवार इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है। इसके बाद के इतिहास में अधिकतम वोट कांग्रेस के मनकूराम सोढ़ी के नाम पर दर्ज है। 1984 के चुनाव में उन्हें 54.66 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस ने आदिवासी बाहुल्य बस्तर में निर्दलीय उम्मीदवारों के वर्चस्व को साल 1980 में तोड़ा। हालांकि यह केवल दो चुनावों तक ही सीमित रहा।
डेढ़ दशक तक कश्यप परिवार का कब्जा
निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र कर्मा ने 1996 में फिर कांग्रेस को हराकर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 20 सालों तक यहां कमल खिलता रहा। 2019 के चुनाव में दीपक बैज ने भारतीय जनता पार्टी के बैदूराम कश्यप को हराया। बस्तर से लगातार 4 बार 1998 से 2009 तक बलिराम कश्यप सांसद रहे। बलिराम कश्यप के निधन के बाद हुए उप चुनाव में बीजेपी के दिनेश कश्यप 2011 और 2014 में यहां से सांसद रहे। पिछले डेढ़ दशक तक बस्तर सीट पर कश्यप परिवार का दबदबा रहा। बलिराम कश्यप का पुत्र केदार कश्यप वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।