रायगढ़. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित रायगढ़ लोकसभा सीट प्रदेश की अहम सीटों में शुमार है। इस सीट से सांसद बने दो नेता बाद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं। इतना ही नहीं इस सीट से सबसे कम और सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी दोनों मुख्यमंत्रियों के नाम हैं। छत्तीसगढ़ की दो और ऐसी लोकसभा सीटें भी है, जहां मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। कोई मुख्यमंत्री बनने से पहले सांसद था तो कोई सांसद बनने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा। आइये जानते हैं इन सीटों के बारे में…
बता दें कि रायगढ़ लोकसभा सीट शुरुआती दौर से ही प्रदेश की हॉट सीट रही है। इस सीट के सियासी आंकड़े भी बेहद ही दिलचस्प हैं। ये सीट राजनैतिक दृष्टिकोण से कितनी अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो मुख्यमंत्री इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी 1998 से लेकर 1999 तक सांसद रहे तो वहीं 1999 से लेकर 2019 तक विष्णुदेव साय सांसद रहे। विष्णुदेव अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं। वहीं स्व. अजीत जोगी के नाम छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री होने का गौरव है।
महासमुंद लोकसभा सीट
1952 से अब तक कुल 19 चुनाव देख चुके महासमुंद लोकसभा सीट में 12 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल 7 बार महासमुंद से चुनाव जीतकर केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार महासमुंद से चुनाव जीत चुके हैं। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी सन 2004 के चुनाव में महासमुंद लोकसभा से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के अंतिम सांसद रहे हैं। अजीत जोगी के बाद 2009, 2014 एवं 2019 में भाजपा ने महासमुंद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है।
राजनांदगांव लोकसभा सीट
राजनांदगांव लोकसभा की बात करें तो भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ बनने के बाद दूसरे और वैसे तीसरे मुख्यमंत्री होंगे जो इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बघेल से पहले इस सीट से कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा ने 1998 में चुनाव लड़ा था। वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह भी 1999 में यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। 2024 के महासमर में भूपेश बघेल कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। राजनांदगांव सीट की खास बात यह है कि डॉ. रमन सिंह पहले सांसद बने और फिर मुख्यमंत्री और वोरा पहले मुख्यमंत्री बने फिर सांसद…।