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Sunday, November 24, 2024

महादेव-सट्टा केस में SEBI की एंट्रीः 1000 करोड़ का निवेश, शेयर मार्केट में सट्टेबाजी की काली कमाई, ED की चार्जशीट में खुलासा

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED), EOW के बाद अब SEBI की एंट्री हो गई है। ईडी ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने सट्टेबाजी से अर्जित काली कमाई को सफेद करने के लिए शेयर मार्केट में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। अब इस पूरे मामले की जांच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) करेगी।

महादेव बैटिंग ऐप को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से 2020 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई है, जिसमें यह खुलासा किया गया है। बड़ी रकम एक जगह कैश रखने के बजाय प्रमोटरों ने ऑनलाइन ही पूरा ट्रांजेक्शन किया और एक ही समय में करोड़ों के शेयर खरीदे, जिनमें ज्यादातर शेयर कई नामी कंपनियों के हैं। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भविष्य में किसी भी तरह का कोई नुकसान ना उठाना पड़े और जरूरत पड़ने पर शेयरों का इस्तेमाल किया जा सके।

शैल कंपनियों के जरिए शेयर मार्केट में निवेश
बैटिंग की काली कमाई को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने प्रमोटरों ने फर्जी शैल कंपनियां बनाई है, जिसमें ज्यादातर कंपनियां विदेश की दिखाई गई हैं। ऐसा इसलिए किया गया ताकि किसी भी एजेंसी को शक ना हो। ईडी ने हवाला कारोबारी गिरीश तलरेजा और सुरेश चोखानी की गिरफ्तारी के दो महीने बाद पिछले हफ्ते ही 252 पन्नों का पूरक परिवाद और 2200 पेज के दस्तावेज पेश किए गए हैं, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें पिछली सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों का नाम लिए बिना उनकी संलिप्तता बताई गई है। कैसे राज्य में सुरक्षा निधि​ के नाम पर प्रभावशाली लोग पैसा लेते थे। कानूनी जानकारों की मानें तो मार्केट में इन्वेस्ट संबंधित जांच अब सेबी करेगी।

शेयर मार्केट के जानकारों की बनाई गई टीम
महादेव बैटिंग में ED के द्वारा पेश ​परिवाद के अनुसार, आरोपी हरिशंकर टिबरेवाल महादेव सट्टे का प्रमोटर का पार्टनर है। साथ ही दोनों स्काई एक्सचेंज एप में भी प्रमुख साझेदार हैं। दोनों मिलकर सट्टे का पैसा शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे थे। इसके लिए अलग से टीम बनाई गई थी। इस टीम में शेयर मार्केट के जानकारों को रखा गया था, जो ट्रेडिंग का काम करते थे। इसमें सूरज चोखानी, नितिन ​टिबरेवाल सहित अन्य लोग शामिल हैं। हरिशंकर और नितिन के पास हवाला से पैसा आता था। उक्त रकम को अलग-अलग कंपनियों के नाम पर शेयर मार्केट में निवेश किया जाता था।

बिटक्वाइन, क्रिप्टो करेंसी से पैसे हो रहे एक्सचेंज
आरोपी हरिशंकर टिबरेवाल के खाते की जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपी ने पार्टनशिप में 29 फरवरी को 429 करोड़ रुपये विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) से किए हैं। जिन कंपनियों में पैसा निवेश किया गया है। वह छोटे और मंझोली कंपनियां हैं। इसमें कोई बड़ी या ज्यादा शेयर वैल्यू वाली कंपनियां नहीं हैं। ईडी के मुताबिक भारतीय कंपनियों के नाम से 580 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। आरोपियों के कुछ विदेशी खाते की जानकारी मिली है। दुबई में बैठे प्रमोटर अब बिटक्वाइन, क्रिप्टो करेंसी जैसे डिजिटल करेंसी में पैसों को एक्सचेंज करा रहे हैं।

सट्टा केस में 19 गिरफ्तार, 30 से ज्यादा फरार
महादेव सट्टा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक 1300 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है। इसमें कैश, ज्वेलरी, 580 करोड़ की संपत्ति और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट पैसा शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में भी स्थित संपत्तियों को अटैच किया गया हैं। इसमें मामले में अब तक 19 गिरफ्तारी हुई है। वहीं 30 से ज्यादा लोग फरार हैं। पिछली सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं के नाम भी इसमें संलिप्त होने का खुलासा किया गया है।

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