रायपुर. न्यूजअप इंडिया
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बार फिर सक्रिय हो गई है। ED ने शनिवार को रायपुर और राजनांदगांव में छापा मारा है। ईडी ने धर्मनगरी डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और डोंगरगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर दबिश दी है। अग्रवाल के रायपुर और डोंगरगढ़ स्थित ठिकानों पर जांच चल रही है। ईडी की यह कार्रवाई कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़ा होना बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक ED के अफसर मनोज अग्रवाल के रायपुर स्थित ठिकानों पर सुबह पहुंची। डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर ईडी के अफसर दो अलग-अलग गाड़ी में पहुंचे। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर के लोगों से मोबाइल जब्त कर लिए। अफसर दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं। रेड के संबंध में ईडी अफसर भी कुछ जानकारी नहीं दे रहे हैं। बता दें कि कस्टम मिलिंग मामले को लेकर ईडी ने 31 मई को भी रायपुर, दुर्ग और खरोरा में 5 जगहों पर छापा मारा था। खरोरा के कारोबारी प्रमोद अग्रवाल और राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के ठिकानों से लेन-देन के साक्ष्य और डिजिटल उपकरण जब्त किए थे।
जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला
पूर्व की भूपेश बघेल सरकार के दौरान धान की कस्टम मिलिंग में बड़े घोटाले का खुलासा ED ने किया था। इसके सूत्रधार मार्कफेड के तत्कालीन अफसर मनोज सोनी हैं। ईडी ने जांच में पाया था कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया। धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम को तीन गुना बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। कस्टम मिलिंग का भुगतान दो किस्तों में किया गया। आरोप है कि एसोसिएशन के कुछ लोगों ने मार्कफेड के MD मनोज सोनी के साथ मिलकर इस पूरी गड़बड़ी को अंजाम दिया। प्रदेश के मिलर्स को 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई और उसे राजनीतिक संरक्षण में बांट लिया गया।