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Saturday, August 2, 2025

बलादौबाजार हिंसक प्रदर्शनः हिंसा रोकने में फेल कलेक्टर-SP निलंबित, पहली बार IAS-IPS के खिलाफ ऐसी कार्रवाई, जांच के लिए न्यायिक आयोग का ऐलान…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में हुई हिंसात्मक प्रदर्शन को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पहले जिले के तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार का तबादला किया गया। इसके दो दिन बाद पूर्व कलेक्टर-एसपी को निलंबित कर दिया गया है। धार्मिक स्थल पर तोड़‌फोड़ की जांच के लिए सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन भी कर दिया है। बलौदाबाजार में फिलहाल 16 जून तक धारा 144 लागू है। इधर सीएम विष्णुदेव साय से सतनामी महासभा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। साय ने कहा कि निर्दोष को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।

बता दें कि बलौदाबाजार हिंसक प्रदर्शन का मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। इसे लेकर कांग्रेस ने 7 सदस्य समिति गठित की है और शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत बलौदाबाजार में हुई गठित घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि साय सरकार के इंटेलिजेंट फेल्योर होने की वजह से यह घटना घटी है। वहीं दूसरी और भाजपा के मंत्रियों का आरोप है कि इस घटना के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस जिम्मेदार है। इसके बाद से प्रदेश में सियासत गरमा गई है। वहीं डिप्टी अरुण साव ने बताया कि सरकार ने बलौदाबाजार घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित की है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की एकल सदस्यीय टीम घटना की जांच करेगी और 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।

मंत्रालय और PHQ में IAS-IPS अटैच
राज्य शासन ने 2010 बैच के आईपीएस सदानंद कुमार को जिले से हटाते हुए उन्हें उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर के पद पर पदस्थ कर दिया था। इसके अलावा कलेक्टर के पद पर तैनात 2009 बैच के प्रमोटी आईएएस कुमार लाल चौहान को मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था। अब दो दिनों बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। आईपीएस सदानंद कुमार का निलंबन अवधि में मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय रायपुर नियत किया गया है। जबकि आईएएस कुमार लाल चौहान का निलंबन अवधि में मुख्यालय, मंत्रालय महानदी भवन होगा।

आखिर क्या है बलौदाबाजार का मामला
बता दें कि 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्व गिरौधपुरी धाम में घुस गए थे। उन्होंने सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे। इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी। जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और जमकर हंगामा किया। उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसके बाद उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में वहां मौजूद 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

सीएम से मिला समाज का प्रतिनिधमंडल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार की शाम राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में सतनामी महासभा समिति के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कहा कि बलौदाबाजार जिले की घटना बहुत ही निंदनीय है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी। उन्होंने समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि निर्दोष को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शासन- प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पूर्णतः न्यायसंगत होगी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सतनामी समाज बाबा गुरु घासीदास का अनुयायी है और यह सदैव से एक शांतिप्रिय समाज रहा है। सतनामी समाज इस घटना की कड़ी निंदा करता है। घटना को असमाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया है।

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