रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 21 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में सबसे दिलचस्प सीट पाटन विधानसभा क्षेत्र को लेकर है। यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट है। भूपेश हमेशा पाटन विधानसभा से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जिसे (विजय बघेल) टिकट दिया है वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजा है। विजय बघेल इससे पहले भी पाटन के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने भूपेश बघेल को एक बार चुनाव में हराया था। 2023 के विधानसभा में काका और भतीजे के बीच फिर टक्कर देखने को मिलेगी।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पाटन से सांसद विजय बघेल को उम्मीदवार बनाया है। विजय बघेल दो बार पाटन विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने राष्ट्रीयवादी कांग्रेस पार्टी के बैनर से चुनाव लड़ा था और काफी कम अंतर से हार हुई थी, जबकि उन्होंने दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हराकर संसदीय सचिव बने थे। इस बार छत्तीसगढ़ के सबसे हॉट सीट पाटन पर काका (मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) और भतीजा (सांसद-विजय बघेल) के बीच कांटे की टक्कर होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश के लिए आसान नहीं होगी सीट
राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में पाटन सीट से विजय बघेल को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाया जाना सीएम भूपेश बघेल के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली बात है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सीएम भूपेश बघेल ही सीएम का फेस है। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में भी उनका नाम है। ऐसे में अगर वे पाटन विधानसभा छोड़कर दूसरे विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सीएम को टक्कर देने BJP के पास विकल्प नहीं
बता दें कि पाटन में ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा वोटर हैं। सीएम भूपेश बघेल और विजय बघेल दोनों ओबीसी वर्ग से आते हैं। राजनीति जानकारों का मानना है कि सीएम भूपेश बघेल को टक्कर देने भाजपा के पास वर्तमान में कोई दूसरा विकल्प नहीं है। विजय बघेल स्थानीय हैं। वह भिलाई-चरौदा के पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। वे इस क्षेत्र से पहले विधायक रह चुके हैं और अब वर्तमान में दुर्ग जिले से सांसद हैं। विजय बघेल जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने थे तब उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी।
भिलाई-चरोदा के पालिकाध्यक्ष भी रह चुके हैं विजय
भाजपा के पाटन से उम्मीदवार विजय बघेल नगर पालिका परिषद भिलाई-चरौदा के पालिकाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भिलाई-चरौदा अब नगर निगम बन चुका है। विजय बघेल ने यहां निर्दलीय चुनाव लड़ा था और कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों को एकतरफा धुल चटाई थी। वे 5 वर्षों तक भिलाई-चरौदा नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष रहे। यह इलाका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह है। भिलाई-3 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निवास स्थान है। भाजपा द्वारा पाटन से सांसद विजय बघेल को टिकट देने का उद्देश्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्यादा समय तक पाटन में इंगेज रखना है।