हाथरस. एजेंसी। उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को हुए भगदड़ में मृतकों की संख्या 122 पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका उपचार जारी है। FIR के मुताबिक हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। आयोजन से जुड़े 17 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इधर घटना के दूसरे दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज पूरे मामले की जांच करेंगे।
प्रशासन की रिपोर्ट में बताया गया कि सत्संग के बाद भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के समय बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इसके बाद भगदड़ मच गई। भीड़ नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया। घायलों को लेकर पहुंचे उनके परिजनों ने बताया कि सिर्फ एक डॉक्टर था। मरीजों को इलाज ही नहीं मिल पाया। अस्पताल के बाहर और बरामदे में घायलों की सांसें टूटती गईं। लाशें बिखरती गईं। प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है। वहीं स्थानीय 150 से ज्यादा की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात कह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई। अब सवाल उठ रहा है कि इस हादसे का गुनहगार आखिर कौन है? सत्संग के आयोजक से लेकर प्रशासन तक कठघरे में खड़ा है। हादसे के बाद घटना स्थल से लोग दर्द लेकर घर लौटने लगे हैं। 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते भी देखे गए। बुधवार को सीएम योगी भी हाथरस पहुंचे। वो जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात करने पहुंचे। मरीजों के परिजनों और मृतकों के परिजनों से बात की। उन्होंने अफसरों से पीड़ितों को हरसंभव सहयोग देने कहा है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।