रांची. न्यूजअप इंडिया
झारखंड की सियासत में इस समय भूचाल मचा है। इसके केंद्र में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन हैं। अभी वे झारखंड से दिल्ली तक सुर्खियों में हैं। मंगलवार को दिल्ली गए थे। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। कई मीडिया हाउस भाजपा में शामिल होने की अटलके लगा रहे थे। हालांकि, चंपई सोरेन का कहना है कि वो निजी काम से गए थे। पोते का चश्मा टूट गया था, वह बनवाने के लिए गए थे। बुधवार को उन्होंने बड़ा बयान दिया है।
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन का कहना है कि हमारे पास 30 से 40 हजार कार्यकर्ता हैं। ऐसे में नया संगठन बनाने में क्या जाता है। सबको एक हफ्ते में पता चल जाएगा। दिल्ली में मेरी बेटी है… मेरा पोता है। हमने तो कह ही दिया है कि नया अध्याय शुरू करेंगे। जनता ने कह दिया है कि आप आगे बढ़ो…। चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया X पर भी लिखा- ‘पिछले साढ़े चार दशकों से आम जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष करता रहा हूँ, और आपका आशीर्वाद, जीवन के इस नये अध्याय में, मुझे सही फैसला लेने का हौसला दे रहा है। फिलहाल जनता से मिल रहा हूं। संन्यास लेना अब विकल्प नहीं है। सभी लोगों की राय के आधार पर शीघ्र ही उचित फैसला लिया जाएगा।’ बता दें कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने थे। हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
संन्यास नहीं लेंगे, अपनी योजनाओं पर अडिग
पूर्व CM ने कहा है कि वो राजनीति नहीं छोड़ेंगे। नई पार्टी बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला है। वो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं। वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने कहा है कि यह मेरे जीवन का नया अध्याय है। मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा। मुझे अपने समर्थकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है। मैं नई पार्टी बना सकता हूं। मुझसे झामुमो से किसी ने संपर्क नहीं किया है। मैंने छात्र जीवन से संघर्ष किया है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग राज्य के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था।
‘झारखंड का टाइगर’ नाम से फेमस हैं चंपई
चंपई सोरेन ने कहा कि अगर उन्हें समान विचारधारा वाला संगठन मिलता है तो किसी से हाथ मिला सकते हैं। 18 अगस्त को एक्स पर किए गए अपने पोस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने वही पोस्ट किया जो मुझे उचित लगा। पूरा देश जानता है कि मैंने क्या सोचा। बता दें चंपई सोरेन झारखंड के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं। 1990 के दशक में पृथक राज्य की लड़ाई में उन्होंने हिस्सा लिया था। तब उन्हें ‘झारखंड का टाइगर’ नाम दिया गया था। छत्तीसगढ़ और झारखंड सन् 2000 में नया राज्य बने। बिहार के दक्षिणी भाग से अलग करके झारखंड को नया राज्य बनाया गया था।
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