दुर्ग. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में गजब का सुशासन है साहब…। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के गरीबों के आशियाना का सपना साकार करने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। उस संकल्प को पूरा करने विष्णुदेव साय सरकार छत्तीसगढ़ में 16 लाख पीएम आवास बनाकर गरीबों को पक्का मकान बनाकर देने में जुटा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी तरह की कोताही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करने का दावा भी सरकारी हुकुमरानों और सत्तासीन नेताओं द्वारा किया जा रहा है, लेकिन प्रदेश के एक ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिन्हांकित जमीन पर दर्जनभर लोगों ने कब्जा कर लिया है। सरकारी जमीन पर कब्जा करने और लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई का मुद्दा विधानसभा में भी उठा है।
ताजा मामला राजधानी रायपुर से 20 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम पंचायत मुरमुंदा का है। स्टेट हाईवे पर बसे इस ग्राम पंचायत की जमीनें बेहद कीमती है। यहां छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने एमआईजी, एलआईजी सहित कई तरह के मकान बनाकर राजीव नगर बसा दिया है। हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट और दर्जनभर से ज्यादा गांवों का सेंटर होने की वजह से जमीन की कीमतें भी यहां काफी महंगी है। लिहाजा ग्राम पंचायत एरिया के सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने की होड़ मची हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिन्हांकित खसरा नंबर 979 की एक एकड़ जमीन पर कब्जा होने के बाद ग्राम पंचायत ने संबंधित 12 लोगों को नोटिस जारी कर दिया। राजस्व महकमे के संज्ञान में मामला लाया और कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन भी दिया, लेकिन वाह से अफसरशाही…। विष्णुदेव साय के सुशासन को अफसर कुशासन में बदलने पर अमादा है। जिन अफसरों पर कब्जा हटाने की जिम्मेदारी हैं, वे ही कब्जाधारियों पर कार्रवाई नहीं कर संरक्षण दे रहे हैं। ग्राम पंचायत के कार्रवाई प्रतिवेदन पर भी राजस्व अफसर खामोश हैं।
सेटिंग से चल रहा कब्जे का पूरा खेल
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आरक्षित जमीन पर कब्जा कराने एक गिरोह सक्रिय है। राजस्व महकमे के अफसर भी इसमें मिले हुए हैं। ग्राम पंचायत सचिव ने 12 लोगों को नोटिस जारी कर दिया। पंचायत सचिव ने अहिवारा तहसीलदार और एसडीएम दफ्तर भिलाई-3, सीईओ जनपद पंचायत और अहिवारा थाना में भी इसकी जानकारी देकर जगह जल्द खाली कराने का आवेदन दिया, लेकिन संबंधित राजस्व अफसरों ने आवेदन पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। कुछ तथाकथित लोगों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चिन्हांकित एक एकड़ जमीन पर दबंगाई दिखाते हुए कुछ लोगों द्वारा पैसे लेकर कब्जा कराया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को कैसे पक्का मकान मिलेगा यह बड़ा सवाल है।
अफसरों पर भी कार्रवाई करेंगेः टंकराम
इधर विधानसभा में विधायक सुशांत शुक्ला ने सरकारी जमीनों पर बेधड़क कब्जों का सवाल उठाया था। सवाल के जवाब में भाजपा विधायक ने मामले में उच्चस्तरीय कमेटी से जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली लोगों ने जमीन पर कब्जा किया है। शिकायत पर पर कहीं कार्रवाई नहीं हो रही है। उसकी जांच होनी चाहिए। इसके बाद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने इस मामले में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के पट्टा वितरण मामले में एक कमेटी बनाकर जांच की जायेगी। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा 2021 से 2024 तक सरकारी भूमि पर कब्जे की 563 शिकायतें प्राप्त हुई है। सुशांत शुक्ला ने कहा कि कितने अफसरों पर कार्यवाही हुई है। मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि गलत ढंग से जमीन कब्जाने की जांच करेंगे और ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई करेंगे।

क्या कहते हैं सरपंच, सचिव और अफसर
- कुछ जमीन हितग्राहियों को आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का घर पात्र हितग्राहियों को मिलेगा इसके लिए पंचायत प्रतिनिधि भी सजग है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा कब्जाधारियों को जमीन खाली करने नोटिस जारी किया गया है। जनपद पंचायत के अफसर आए भी थे और बयान भी लिए हैं। आगे जांच जारी है। इसके बारे में और ज्यादा जानकारी राजस्व अफसर ही बता पाएंगे। – परमानंद साहू, सरपंच, मुरमुंदा
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आरक्षित भूमि पर कब्जा है। कब्जाधारियों को पंचायत द्वारा जमीन खाली करने नोटिस भी जारी किया गया है। ग्राम पंचायत की तरफ से कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को प्रतिवेदन भेजा गया है। जमीन से कब्जा कब हटेगा यह राजस्व अधिकारी ही बता सकते हैं।
– उत्तम सिंह राजपूत, ग्राम सचिव, मुरमुंदा - प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आरक्षित जमीन पर कब्जा की शिकायत मिली है। तहसीलदार को जांच के लिए आदेशित किया गया है। सरकारी जमीन पर कब्जा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच कर कार्रवाई करेंगे।
– महेश सिंह राजपूत, एसडीएम, भिलाई-3