नई दिल्ली। इसरो के चंद्रयान ने मून पर तिरंगा फहरा दिया है। चंद्रयान की सफल लैंडिंग से भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिग कर ली है। चांद के इस हिस्से में यान उतारने वाला भारत पहला देश बन गया है, जबकि चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला चौथा देश है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है।
अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद रोवर बाहर आएगा। विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। बता दें कि भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय यान रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया।
धरती से चांद की दूरी 3 लाख 84 हजार KM
बता दें कि चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लांच हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिण पोल पर परचम फहरा दिया है। Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग पर पूरी दुनिया भारत को सलाम कर रही है। भारत का नाम उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है।
इसरो ने भारतीयों को दी बधाई, देशभर में जश्न
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि हमने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हासिल कर ली है। भारत चांद पर है। वहीं, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद बेंगलुरु में इसरो के मिशन ऑपरेशन्स कॉम्प्लेक्स में उत्सव का माहौल है। इसरो ने ट्वीट करते हुए कहा कि चंद्रयान 3 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है। इसके साथ ही अब भारत के लोग भी चांद पर पहुंच गए हैं। इसरो ने भारतीयों को बधाई भी दी। चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक पी. वीरमुथुवेल ने कहा कि हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास जाने वाले पहला देश बन गए हैं।