मुंगेली. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के सरगांव-रामबोड़ स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में साइलो के गिरने से राखड़ में दबे एक इंजीनियर के अलावा दो मजदूरों के शवों को शनिवार सुबह ढूंढकर निकाला गया। लगातार 43 से 45 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने अंजाम दिया। तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इधर कुसुम फैक्ट्री हादसे में पुलिस ने प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज किया है। प्लांट इंचार्ज अमित केड़िया, ऑपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद और प्रबंधन के अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
साइलो के नीचे दबे मिले शवों की पहचान बिलासपुर के सरकंडा निवासी इंजीनियर जयंत साहू, जांजगीर-चांपा जिले के तागा निवासी मजदूर अवधेश कश्यप और बलौदाबाजार जिले के अकोली निवासी मजदूर प्रकाश यादव के रूप में हुई है। तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिम्स बिलासपुर भेजा गया है। इसके पहले एक मजदूर मनोज धृतलहरे को घायल अवस्था में घटना स्थल से निकाला गया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। इस तरह से इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
दो बार टूटा तार, तीसरी बार में मिली सफलता
कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि 43 से 45 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दो बार असफलता भी मिली। जायलो को उठाने में हैवी क्रेन के तार टूट जा रहे थे। उसके बाद भी हम हार नहीं मानें और आखिरकार तीसरी बार में सफलता मिली। कलेक्टर ने कहा कि दोषियों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की सूक्ष्मता से जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम अरुण साव भी पहुंचे घटनास्थल
हादसे के बाद आक्रोशित मजदूरों और परिजनों से मिलने देर रात डिप्टी सीएम अरुण साव पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। एफआईआर दर्ज हुई है, आगे और भी कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार मृतक के परिजनों के साथ है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार और फैक्ट्री प्रबंधक के द्वारा हर संभव आर्थिक सहायता मृतक के परिजनों को दिया जाएगा। ऐसे हादसे न हो इसके लिए कंपनियों की जांच भी जाएगी।