कबीरधाम. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस बल चलाए जा रहे अभियान को लगातार सफलता मिल रही है। शासन की ‘‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’’ से प्रभावित होकर माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। फोर्स के दबाव में नक्सली या तो मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं या फिर सरेंडर कर रहे हैं। बस्तर क्षेत्र के साथ-साथ कबीरधाम जिले में नक्सली उन्मूलन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
पुलिस के अभियान से प्रभावित होकर कबीरधाम जिले में 5-5 लाख रुपये के इनामी नक्सली दंपत्ति रमेश उर्फ मेस्सा (डिप्टी कमांडर, बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3) और उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में (सदस्य, बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर-3) ने शनिवार को कबीरधाम पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इन दोनों पर थाना तरेगांव में 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं। दंपति के सरेंडर को एमएमसी जोन में बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
एसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि रमेश उर्फ मेस्सा ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था। पुलिस के साथ मुठभेड़ में भी वह शामिल था। वह संगठन में रहने के दौरान एसएलआर राइफल धारी रहा। वहीं रोशनी उर्फ हिड़में संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी। संगठन में इंसास राइफलधारी थी। दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार और जंगलों में जीवन की कठिनाइयों से परेशान होकर सरेंडर करने का निर्णय लिया और समर्पण करने पुलिस के सामने पहुंचे।