बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) को निरस्त करने का आदेश दिया है, जिसमें उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अगवाल की डिवीजन बेंच ने पहले जारी किए गए दोनों नोटिस को भी रद्द कर दिया है। आय से अधिक मामले में नई दिल्ली की हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट ने जीपी सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था।
छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस शासन के दौरान IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया था। तब उन पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम पर संपत्ति बनाई है। इसी मामले में एसीबी के अलावा नई दिल्ली की हेड इन्वेस्टिगेटिंग यूनिट ने धन-शोधन अधिनियम के तहत IPS जीपी सिंह के खिलाफ ECIR दर्ज किया था। जीपी सिंह को नोटिस जारी कर उनकी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम पर अर्जित की गई संपत्ति का ब्यौरा मांगा था। हाईकोर्ट ने मनप्रीत मामले में एसीबी के अफसरों को फटकार भी लगाई थी।
राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति मामला
जीपी सिंह ने राज्य सरकार की तरफ से दर्ज आपराधिक प्रकरणों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आय से अधिक संपत्ति सहित अन्य सभी मामलों को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली में दर्ज ईसीआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। जीपी सिंह ने अपने ऊपर हुए षड़यंत्र को लेकर लगातार लड़ाई लड़ी और जीत भी हासिल की। वे बहाल हुए और अभी छत्तीसगढ़ में डीजी प्रमोट हुए हैं।
डीजी प्रमोट करने को मंजूरी भी मिली
जीपी सिंह 1994 बैच के सीनियर आईपीएस अफसर हैं। एडीजी पदस्थ जीपी सिंह प्रमोट भी हो गए हैं। डीपीसी की बैठक में जीपी सिंह को डीजी प्रमोट करने को मंजूरी दे दी गई है। इस संबंध में जल्द ही औपचारिक आदेश जारी होने की बात भी कही जा रही है। वरिष्ठ IPS जीपी सिंह ने 20 दिसंबर 2024 को ज्वाइनिंग दे दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के बाद राज्य के गृह मंत्रालय से भी उनकी बहाली का आदेश जारी होने के एक दिन बाद जीपी सिंह ने ज्वाइनिंग कर लिया था।
जीपी सिंह ने लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई
बता दें कि 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अफसर गुरजिंदर पाल सिंह को छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान एक्सटॉर्शन, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इन मामलों के बाद IPS जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा था। इस प्रस्ताव के बाद केंद्र ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। इसके बाद जीपी सिंह ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत के बाद वापसी कर ली है।