RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। देश के मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं के साथ करीब एक हजार से अधिक नक्सलियों को घेरने के लिए बस्तर के बहादुर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), कोबरा, CRPF, बस्तर फाइटर, महाराष्ट्र से C60 कमांडो और आंध्र प्रदेश के ग्रेहाउंड्स फोर्स के जवानों के साथ वायु सेना को भी शामिल किया गया है। इस ऑपरेशन में अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। एक दिन पहले दो जवान भी घायल हुए थे, जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है।
नक्सलवाद पर शिकंजा कसने दो दिन पहले ही ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस वायु सेना के MI17 हेलीकॉप्टर, जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किए गए। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगहबानी की जा रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इस ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर टिकी हुई है। बीजापुर समेत महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के आला अधिकारी मौजद हैं। तीन राज्यों से ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है। जवानों के निशाने पर कर्रेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी है, जहां 300 से ज्यादा नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना है।
बड़े कैडर के नक्सलियों का जमावड़ा
बता दें कि, छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 6 हजार जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जवानों ने खूंखार नक्सली हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया है। जिस पहाड़ी पर मुठभेड़ हो रही है वहां करीब 300 से ज्यादा नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना है। यह ऑपरेशन 24 घंटे से अधिक समय से चल रहा है। इंटेलिजेंस के अनुसार नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है। इधर जवानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए हेलीकॉफ्टर से फूड्स पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। उसके बाद जंगल में बाइक से खाना पहुंचाया जा रहा है।
मुठभेड़ में मारे जाएंगे या सरेंडर करेंगे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के सामने अब कोई विकल्प नहीं बचा है। उनके सामने सरेंडर ही एकमात्र रास्ता है। सरेंडर नहीं करने पर मुठभेड़ में मारा जाना तय है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना है। रायपुर राजधानी से गृह विभाग और इंटेलिजेंस की टीम इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।