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Saturday, June 28, 2025

एनकाउंटर में मारे जाने का डर, 23 लाख रुपये के इनामी सहित 13 नक्सलियों का सरेंडर… बीजापुर में इतने माओवादी मुठभेड़ में मारे जा चुके…

BIJAPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को बड़ी सफलता मिली है। एनकाउंटर में मारे जाने के डर से 23 लाख रुपये के इनामी 13 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पश्चिम बस्तर डिवीजन के कंपनी नंबर 2 की पार्टी सदस्य, धमतरी-गरियाबंद- नुआपाड़ा डिवीजन अंतर्गत एसीएम, केएएमएस अध्यक्ष, एलओएस सदस्य, एओबी डिवीजन के पीएलजीए सदस्य, मिलिशिया प्लाटून सदस्य शामिल है। फोर्स के बढ़ते दबाव से माओवादी संगठन बैकफुट पर हैं। वहीं डेडलाइन तय होने से दहशत भी है।

एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि सरेंडर करने वाले 13 नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने, फायरिंग, आईडी ब्लास्ट, आगजनी, हत्या जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं। सभी ने नक्सल विचारधारा से तंग आकर हिंसा का रास्ता छोड़ने की मंशा जाहिर की और आज सीआरपीएफ डीआईजी बीएस नेगी, एएसपी यूलेण्डन यार्क, एएसपी मंयक गुर्जर, डीएसपी विनीत साहू और अन्य अफसरों के के सामने सरेंडर कर दिया। बता दें कि बीजापुर में इस इस साल अब तक कुल 241 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। वहीं 270 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 126 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया गया है।

2026 नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन
बता दें कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सहित देश से मार्च-2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की है। इसके बाद छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। फोर्स को लगातार सफलता भी मिल रही है। अभी 5 दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बार बरसात के सीजन में भी ऑपरेशन नहीं रोकने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को इस बरसात के मौसम में सोने नहीं देंगे। फोर्स का एक्शन लगातार जारी रहेगा, नक्सली सरेंडर कर दें…।

बीहड़ों में फोर्स के कैंप खुलने से दहशत
बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के कैंप खुलने से सड़कों का विस्तार हो रहा है। परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली और शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं ग्रामीणों तक पहुंचने लगी है। सुरक्षा बलों का ग्रामीणों के साथ हो रहे सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग से बीहड़ों में माओवादियों का खौफ कम हो रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार से माओवादी संगठन से जुड़े नक्सलियों का मोहभंग हो रहा है और सरेंडर कर रहे हैं।

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