31.3 C
Raipur
Thursday, July 31, 2025

छत्तीसगढ़ में ED की रेडः मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर जांच, 650 करोड़ के CGMSC घोटाले से जुड़ा कनेक्शन…. क्या है पूरा मामला यह भी जानिए…

DURG. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 650 करोड़ रुपये से अधिक के कथित घोटाले से जुड़ी है। मोक्षित कार्पोरेशन ने दवा उपकरणों की सप्लाई में भारी भ्रष्टाचार किया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम ने दुर्ग में मोक्षित कॉर्पोरेशन के तीन आवासीय परिसरों और कार्यालयों पर एक साथ छापा मारा है। इस कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के साथ CRPF के जवान भी मौजूद हैं। सुरक्षा के लिहाज से परिसर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

रेड की इस कार्रवाई में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या बरामद हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद एजेंसियां आधिकारिक बयान जारी करेंगी। सीजीएमएसी घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन का नाम आने के बाद एजेंसियों ने यह कार्रवाई की है। राज्य की एजेंसी EOW-ACB इस मामले में पहले से कार्रवाई कर रही है। करीब छह महीने पहले ईओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में संयुक्त छापेमारी की थी। इसके अलावा 27 जनवरी 2025 को भी मोक्षित कॉर्पोरेशन, शांतिलाल और शशांक चोपड़ा के गंजपारा स्थित घर और कार्यालय पर एसीबी की टीम ने दस्तावेजों की जांच की थी।

छत्तीसगढ़ के राजकोष को किया खाली
कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को खाली किया गया था। इस पूरे मामले को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था। रीएजेंट और उपकरणों की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार किया गया। बाजार दर से कई गुना ज्यादा में खरीदी कर राजकोष खाली किया।

दो साल के ऑडिट में खुली गड़बड़ी की पोल
लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया। जहां जरूरत नहीं थी वहां उपकरण भेजे गए।

776 केंद्रों में दवा और उपकरण की सप्लाई
छत्तीसगढ़ के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी। ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था। इस फर्जीवाड़ा के बाद स्वास्थ्य केंद्रों के लिए फ्रीज खरीदने की योजना थी, जिसे पकड़ लिया गया था।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here