नारायणपुर। न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। फोर्स के दबाव और मुठभेड़ में मारे जाने के डर से 70 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने वालों में 7 महिला माओवादी और 9 पुरुष नक्सली शामिल हैं। इनमें पीएलजीए मिलिट्री कंपनी नंबर-1 का डिप्टी कमाण्डर, पीएलजीए मिलिट्री कंपनी नंबर-1 सदस्य, उत्तर ब्यूरो टेक्निकल टीम (डीवीसीएम), माड़ डिवीजन टीम, पार्टी सदस्य, कुतुल एलजीएस सदस्य, जनताना सरकार सदस्य और मिलिशिया सदस्य शामिल हैं।
नारायणपुर एसपी रोबिनसन गुड़िया ने बताया कि अबूझमाड़ दुर्गम जंगल और विकट भौगोलिक परिस्थतियों वाला एरिया है। इन इलाकों में फोर्स के कैंप खुलने से नक्सलियों का जनाधार कमजोर हुआ है। फोर्स के दबाव में नक्सली संगठन बैकफुट पर है। पुलिस और फोर्सेस द्वारा लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन नक्सलियों में 7 महिला नक्सलियों सहित कुछ पुरुष नक्सलियों पर कुल 70 लाख रुपये का इनाम छत्तीसगढ़ में घोषित है। सरेंडर करने वाले नक्सली सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने सहित कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
इंट्रोगेशन में कई बड़े खुलासे किए
नारायणपुर एसपी रोबिनसन गुड़िया ने बताया कि जिले में इस साल 2025 में अब तक कुल 192 माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौटे हैं। नक्सलियों ने सरकार के सरेंडर अभियान ‘पूना मारगेम’ (पुनर्वास से पुनर्जीवन) अभियान के तहत सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50 हजार का चेक दिया गया। एसपी ने बताया कि सरेंडर नक्सलियों ने इंट्रोगेशन में कई बड़े खुलासे किए हैं। इनसे मिले इनपुट के आधार पर पुलिस को आने वाले दिनों में और सफलता मिलेगी।
फोर्स के दबाव में बैकफुट पर नक्सली
बता दें कि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की गई है। 4 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अमित शाह खुद बस्तर आए थे…। उन्होंने बातचीत का कोई रास्ता नहीं बल्कि सरेंडर की बात कही है। सरेंडर नहीं करने पर फोर्स अपना काम करेगी। गृहमंत्री के इस बयान के बाद से नारायणपुर में यह बड़ा सरेंडर है। वहीं माड डिवीजन के नक्सलियों ने भी एक दिन पहले सरेंडर करने की बात कहते हुए पर्चा जारी किया था।