कबीरधाम. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बोड़ला जनपद के निलंबित लेखापाल नरेन्द्र राऊतकर के निवास पर रविवार सुबह एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने दबिश दी है। कवर्धा के आनंद विहार कॉलोनी स्थित घर में एसीबी की टीम छानबीन कर रही है। घर के साथ ही निलंबित लेखापाल के 3 अलग-अलग ठिकानों पर भी एसीबी का छापा पड़ा है। एसीबी के अफसर स्थानीय मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। कार्रवाई पूरी होने के बाद मुख्यालय से जानकारी देने की बात कह रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी की टीम रविवार सुबह 5 बजे कवर्धा पहुंची। स्थानीय पुलिस की मदद से रेड की कार्रवाई की गई। निरीक्षक रेंज के एसीबी अधिकारियों ने बोड़ला जनपद के निलंबन लेखापाल नरेन्द्र राऊतकर के आनंद विहार कवर्धा स्थित मकान सहित तीन अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापा मारा है। रेड कार्रवाई करने टीआई रेंज के अधिकारियों सहित 5 सदस्यीय टीम रायपुर से कवर्धा पहुंची है, जिसमें स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
7 सदस्यीय टीम दस्तावेज खंगाल रहे
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जिस समय रेड मारी, उस वक्त परिवार के सभी लोग सो रहे थे। टीम ने सभी को उठाया और घर के अंदर छानबीन शुरू की। दोपहर तक 7 सदस्यीय एसीबी की टीम मकान के अंदर छानबीन करती रही है। अभी तक जांच पड़ताल में क्या कुछ मिला, इसका पता नहीं चल पाया है। एसीबी के अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया से दूरी बना रखी है। जांच टीम के अफसर मुख्यालय के अफसरों द्वारा जानकारी दिए जाने की बात कह रहे हैं।
लेखापाल रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार
कबीरधाम जिले के बोड़ला जनपद पंचायत में निलंबित लेखापाल नरेन्द्र राऊतकर के खिलाफ पहले भी रिश्वत लेने की शिकायत मिली थी। उसे 12 सितंबर 2024 को सरपंच पति से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद कलेक्टर ने लेखापाल को निलंबित कर दिया था। वह कुछ दिनों पहले ही जमानत पर रिहा हुआ हैं, लेकिन अब एक बार फिर एसीबी की टीम ने छापामार कार्रवाई की है। शहर में इस कार्रवाई की जमकर चर्चा है।
बिलासपुर जिले में भी एसीबी का छापा
इधर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बिलासपुर में जीआरपी के बर्खास्त चार आरक्षकों के मकानों पर भी छापा मारा है। जीआरपी के चारों कांस्टेबल ट्रेनों के जरिए गांजा और टैबलेट की सप्लाई करते थे। एसीबी की टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार आरक्षकों के मकानों में दबिश दी। बिलासपुर रेलवे स्टेशन में पदस्थ जीआरपी के इन चारों आरक्षकों को गांजा तस्करी में नाम सामने आने के बाद बर्खास्त किया जा चुका है। जांच के दौरान इन आरक्षकों के अकाउंट से करोड़ों रुपये का लेन-देन सामने आया था।