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Thursday, November 21, 2024

राजस्व मंत्री के खिलाफ तहसीलदारों ने खोला मोर्चा, ट्रांसफर में पैसों का लेन-देन होने का आरोप, हाईकोर्ट जाएगा संघ, पूर्व CM भूपेश ने भी कसा तंज…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया, जिसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। तहसीलदारों का आरोप है कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों को टार्गेट कर दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादले से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने ट्रांसफर में पैसे का भारी लेन-देन होने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ हाईकोर्ट जाने की बात कह रहा है। इधर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जवाब देने की बात कही है।

कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे का आरोप है कि जो मंत्री बंगले के आगे नतमस्तक हुए उन्हें मनचाहे जगह पर पोस्टिंग दी गई है। इस ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार का कोई क्राइटेरिया नहीं बनाया गया है। किसी का एक वर्ष के अंदर भी स्थानांतरण कर दिया गया है। किसी का 3 वर्ष के बाद भी स्थानांतरण कर दिया गया है। मंत्रीजी यह बताने का कष्ट करेंगे कि किसी भी अधिकारी का 3 वर्ष के बाद ही स्थानांतरण करने का नियम है, लेकिन इसमें एक वर्ष, दो वर्ष किसी भी क्राइटेरिया का पालन ही नहीं किया गया है। इस पोस्टिंग में घोर अनियमितता है। इधर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक डिजिटल मीडिया लिंक को शेयर करते हुए X पर लिखा- ‘मंत्रियों के बंगले बने उगाही के अड्डे…?, मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले पर “पैसा दो- ट्रांसफ़र लो” उद्योग संचालित है। यह आरोप हमारे नहीं, स्वयं अधिकारियों के हैं। खबर में स्वयं तहसीलदार का बयान और सनसनीखेज आरोप पढ़िए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जवाब देना चाहिए।’ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के इस बयान से राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है।

6 माह बाद रिटायरमेंट उनका भी तबादला
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे ने कहा कि जिस व्यक्ति का 6 महीने बाद रिटायरमेंट है, उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। 55 वर्ष के व्यक्ति जो ICU में भर्ती है उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। न स्वास्थ्य क्राइटेरिया है ना ही उम्र क्राइटेरिया है। इस पोस्टिंग में कोई क्राइटेरिया नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल में यह मेरा छटवां ट्रांसफर है। मेरे परिवार पर क्या बीत रही है, मुझ पर क्या बीत रही है। आप 2 साल में मेरा 6-6 बार ट्रांसफर कर रहे हैं।

‘संघ के पदाधिकारियों को किया टार्गेट’
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे ने कहा कि जानबूझकर संघ के पदाधिकारियों को टार्गेट किया गया है। मैं अध्यक्ष हूं, मेरा ट्रांसफर मोहला मानपुर कर दिया गया है, क्योंकि मैं संघ का अध्यक्ष हूं और मैं लोगों की बातों को रायपुर आकर रखता हूं। मुझे जानबूझकर मोहला मानपुर भेज दिया गया है, ताकि मैं किसी भी प्रकार की बातों को रखकर रायपुर नहीं आ पाऊं। उन्होंने कहा कि राकेश देवांगन संघ के एक्टिव सदस्य हैं, उनका रायपुर से उठाकर सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया है। संघ के पदाधिकारी गुरुदत्तपांच भाई उनको दुर्ग में गए एक साल हुआ है। उनका ट्रांसफर बलरामपुर कर दिया गया है। संघ के प्रवक्ता पेखंड टोकरे को सुकमा भेज दिया गया है। ये षड़यंत्रकारी नीति है।

संघ ने अध्यक्ष के बयान से किया किनारा
इधर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने अपने अध्यक्ष नीलमणि दुबे के बयान से किनारा कर लिया है। संघ ने कहा है कि दुबे का बयान व्यक्तिगत है और इसके लिए संघ कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है। संघ ने अपने सदस्यों को भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने की चेतावनी भी दी है। नीलमणि दुबे के इस बयान के बाद संघ के सचिव और कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके बयान का खंडन किया और उसे नीलमणि दुबे का व्यक्तिगत बयान बताया। संघ ने कहा कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का इस बयान से कोई सरोकार नहीं है। यह भी हिदायत दी गई है कि भविष्य में कोई भी सदस्य संघ की सहमति बिना संघ के नाम से बयान जारी न करें।

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