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Wednesday, December 10, 2025

कमी नहीं ज़ज्बे की: बस्तर ओलम्पिक में तीमापुर के खिलाड़ी कृष्णा धुर्वा का तीर ‘गोल्ड’ पर लगा…


BIJAPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
बीजापुर जिले के सुदूर वनांचल इलाके तीमापुर गांव का युवा कृष्णा धुर्वा एक बार फिर अपनी लगन और संघर्ष की कहानी लिखते हुए जिले का नाम रोशन कर गया है। जिला स्तरीय बस्तर ओलम्पिक में तीरंदाजी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर कृष्णा धुर्वा ने साबित कर दिया कि प्रतिभा साधनों की मोहताज नहीं होती, जरूरत सिर्फ हौसले और अवसर की होती है।

तीमापुर, जहाँ आज भी संसाधनों की कमी और कठिन परिस्थितियाँ जीवन का हिस्सा हैं, वहीं इसी मिट्टी में पले-बढ़े कृष्णा बचपन से ही संघर्षों से जूझते रहे। गांव की कच्ची पगडंडियों और घने जंगलों के बीच, जब उम्र के बच्चे खेल-खेल में दिन बिताते हैं, तब कृष्णा अपने हाथों से बनाए देसी तीर-कमान से निशाना साधने की कला सीख रहे थे।

कृष्णा के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब 2023 में बीजापुर स्पोर्ट्स अकादमी के कोच दुर्गेश प्रताप सिंह गांव में खिलाड़ियों के चयन हेतु पहुंचे। गांव के मैदान में देसी तीर-कमान से कृष्णा का अभ्यास देखकर कोच दुर्गेश प्रताप सिंह प्रभावित हुए और उन्हें प्रशिक्षण के लिए चयनित कर लिया। यहीं से शुरू हुई उनके सपनों की उड़ान।

कृष्णा बताते हैं— “मेरे पिता जी ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया। गांव में हम खुद अपने तीर-कमान बनाते थे। कोच सर ने मुझे पहली बार समझाया कि मैं आगे भी बढ़ सकता हूँ। और तभी से मैंने तीरंदाजी को अपना लक्ष्य बना लिया।” अपने खेल में प्रेरणा के बारे में वे बताते हैं कि उनके रोल मॉडल रोशन भइया हैं, जो दो साल पहले तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
“रोशन भइया को देखकर मुझे लगा कि मैं भी कर सकता हूँ… बस वहीं से मेरे अंदर खेल को लेकर जुनून जागा।”

आज जब कृष्णा धुर्वा ने बस्तर ओलम्पिक में प्रथम स्थान हासिल किया, तो न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे तीमापुर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। संसाधनों की कमी, कठिन बचपन और सीमित अवसरों के बीच निकला यह युवा आज जिले के लिए प्रेरणा बन चुका है। अपने भविष्य के सपने साझा करते हुए कृष्णा कहते हैं— “मेरा सपना है कि मैं ओलम्पिक खेलूँ और अपने माता-पिता, जिले और राज्य का नाम रोशन कर सकूँ।” बीजापुर का यह उभरता तीरंदाज यह दिखा चुका है कि यदि हिम्मत और मेहनत हो, तो जंगल की पगडंडी से निकलकर भी मंज़िल पाई जा सकती है। अब कृष्णा धुर्वा आगामी राज्य एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर जिले व प्रदेश का नाम और भी ऊँचा करने का सपना संजोए हुए हैं।

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