बेमेतरा. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के पिरदा-बोरसी गांव में स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में धमाका हुए 36 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन अब तक हादसे में मरने वालों का पता नहीं लगा पाया है। धमाके के दूसरे दिन भी जिला प्रशासन की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी रही। खुद कलेक्टर रणबीर शर्मा पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द लापता मजदूरों के शवों को मलबे से खोज निकाला जाए। रेस्क्यू में NDRF-SDRF की टीमें भी लगी है। बारूद कंपनी में बने एक्सप्लोसिव का उपयोग माइंसों में होता है। जिस बारूद से पूरा घर जमींदोज हो गया उसमें मानव शरीर कहां बचेगा।
घटना स्थल पर किसी भी तरह के गैस रिसाव को रोकने सेना की एक्सपर्ट टीम भी मौजूद है। जेसीबी और चैन माउंटेन मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है। मलबे में कुछ शवों के टुकड़े मिले हैं, जिसे पॉलीथिन में रखा गया है। लापता लोगों के परिजनों का गुस्सा लगातार फैक्ट्री संचालक और जिला प्रशासन पर भड़क रहा है। हादसे का दूसरा दिन बीत गया, लेकिन अब तक पता नहीं चल पाया है कि कितने लोग हताहत हुए हैं। कंपनी द्वारा 8 से 9 लोगों की जानकारी प्रशासन को दी गई है, जिसमें भी संभावना जताई जा रही है। जबकि घटना स्थल के बाहर अपने परिजनों के नहीं आने की बात कहने वालों की संख्या ज्यादा है। कंपनी में मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्य के कर्मचारियों के काम करने की चर्चा है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी किसी तरह की एफआईआर अब तक नहीं की गई है। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि मलबे में कुछ बॉडी के पार्ट्स मिले हैं। अभी किसी प्रकार पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि कितने लोगों की मौत हुई है।
लापता मजदूरों के परिवारवालों का फूटा गुस्सा
बोरसी-पिरदा के लोगों में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ जोरदार गुस्सा है। स्थानीय लोग लगातार फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों वाका कहना है कि हादसे के दोषी फैक्ट्री मालिक संजय चौधरी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। जिन घरों के मजदूर हादसे के बाद से लापता है उनके परिवार वाले लगातार रोते बिलखते नजर आ रहे हैं। लापता मजदूरों के परिवार वाले अपनों के मिलने की आस में मलबे के पास टेंट लगाकर बैठे हैं। जब भी कोई बॉडी मिलने की खबर होती है, लोग मौके पर दौड़ पड़ते हैं। मलबा हटाने में जैसे-जैसे देर हो रहा है लोगों का सब्र भी टूटता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जितनी संख्या बताई जा रही है, उससे ज्यादा लोग लापता हैं।
कंपनी में अब भी भारी मात्रा में बारूद मौजूद
जिला प्रशासन के मुताबिक बोरसी के बारूद फैक्ट्री का संचालन संजय चौधरी नाम का शख्स करता है। लापता मजदूर के परिवार वाले लगातार संजय चौधरी को बुलाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 30 सालों से ज्यादा वक्त से फैक्ट्री का संचालन बोरसी-पिरदा में किया जा रहा है। लगभग 300 एकड़ से ज्यादा के क्षेत्र में ये बारूद फैक्ट्री है। दो साल पहले कंपनी को सुरक्षा कारणों से सील भी किया गया था। छत्तीसगढ़ में बारूद बनाने का इसे सबसे बड़ा कारखाना बताया जा रहा है। कंपनी के पीटीएम प्लांट में हादसा हुआ। ब्लास्ट से पूरी बिल्डिंग मलबा में तब्दील हो गया। 40 फीट से बड़ा गड्ढा हो गया है। कंपनी की दूसरे बिल्डिंग में अब भी बड़ी मात्रा में बारूद और केमिकल मौजूद है।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन
बेमेतरा के एसपी रामकृष्ण साहू ने बताया कि 12 जेसीबी और चैन माउनटेन मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम काम कर रही है। दमकल गाड़ियां भी मौजूद है। कंपनी में काम करने वाले जो ग्रामीण लापता हैं उनके परिजनों को यहां बुलाया गया है। उनकी मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मलबा से डेड बॉडी निकले तो वे पहचान कर सके। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कार्रवाई चल रही है। पारदर्शिता पूर्ण कार्रवाई चल रही है। मलबा से बॉडी की टुकड़े मिले हैं। ऐसे में उनकी पहचान बेहद मुश्किल है। डीएनए टेस्ट भी किया जा सकता है। अब जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।