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Tuesday, December 3, 2024

किताब घोटालाः स्कूली बच्चों को फ्री में मिलने वाली किताबें कबाड़ में कैसे पहुंची… सरकार ने IAS को सौंपी जांच की जिम्मेदारी, कांग्रेस ने बनाई 6 सदस्यीय कमेटी…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
रायपुर की सिलयारी स्थित रियल पेपर मिल में हजारों की संख्या में स्कूली किताबें मिली है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 की पुस्तकें कबाड़ में मिलने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। कांग्रेस ने इसे पुस्तकों के प्रकाशन और स्कूलों तक पहुंचाने के बदले कबाड़ में बेचने को बड़ा घोटाला बताते हुए 6 सदस्यीय जांच समिति बनाई है। इस मामले की जांच कर समिति अपनी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेगी। कांग्रेस ने रिटायर्ड जज से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

कांग्रेस की जांच समिति में पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक अनिता शर्मा, ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष उधो वर्मा, प्रवक्ता श्रीकुमार मेनन और पूर्व पीसीसी सचिव पप्पू बंजारे शामिल हैं। इधर कबाड़ में स्कूली किताबें भारी मात्रा में मिलने के बाद राज्य शासन ने पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी सहित 5 अधिकारियों को जांच का जिम्मा दिया है। कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग सरकार से की है।

जहां भ्रष्टाचार उसी विभाग को जांच का जिम्मा
कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि यह किताबें इसी शिक्षण-सत्र 2024-25 की है। पुस्तकों को स्कूलों में वितरण किया जाना था, लेकिन नहीं किया गया। सूरजपुर, धमतरी, बालोद सहित कई जिलों में रद्दी के भाव में बेचकर इसे पेपर मिल तक पहुंचाया गया है। इस खेल में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में जांच का जिम्मा भी उसी विभाग को दिया गया, जहां से किताबें छपवाई गई। जांच दल में शामिल 5 सदस्यों में दो पर आरोप भी है।

स्कूली बच्चों को फ्री में देनी थी किताबें
इन किताबों को कक्षा पहली से दसवीं तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों में मुफ्त में बांटा जाना था। विकास उपाध्याय ने इसे ‘किताब घोटाला’ करार देते हुए कहा कि एक तरफ छत्तीसगढ़ में बच्चे पढ़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, उनके लिए बनी किताबें कौड़ियों के भाव कबाड़ में बेची जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने निजी एजेंसियों के माध्यम से आवश्यकता से अधिक किताबें छपवाई हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपये कमाए हैं। यह करदाताओं के पैसे की लूट है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग खुद मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। सुशासन की बात हो रही और कुशासन दिख रहा है।

सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई
राज्य सरकार ने पुस्तकों के कबाड़ में पहुंचे की जांच के लिए IAS अधिकारी राजेंद्र कटारा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। राजेंद्र कटारा छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक हैं। समिति में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, रायपुर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडे, छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक प्रेमप्रकाश शर्मा और रायपुर कलेक्टर द्वारा नामित जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं।

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