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Saturday, September 7, 2024

SECL के पीपी यार्ड में CBI की रेड, विजिलेंस भी साथ, गुड्स ट्रेनों का मेंटेनेंस करने वाले ठेका एजेंसियों को काम से अधिक भुगतान

रायपुर। गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी के ठिकानों से मिले नकदी और सीबीआई रेड की खबर अभी सुर्खियों में थी कि छत्तीसगढ़ में साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) में ठेका एजेंसी को काम से ज्यादा भुगतान कर भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आ गया है। CBI और रेलवे की विजिलेंस टीम ने दुर्ग जिले के भिलाई-3 स्थित पुरैना पीपी यार्ड में छापा मारा है। 5 अफसरों की टीम दो दिनों से अफसरों से पूछताछ कर रही। टीम ने ऑफिस को भी सील किया है। हथियारबंद जवानों के साथ सीबीआई और रेलवे विजिलेंस से 5 सदस्यों की टीम पहुंची।

मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग जिले के भिलाई-3 से लगे पुरैना में SECR का पीपी यार्ड है। यहां मालगाड़ियों का मेंटेनेंस करने वाले ठेका एजेंसियों को उनके काम से अधिक का भुगतान किए जाने की शिकायत पर सीबीआई की 5 सदस्यीय टीम जांच पड़ताल करने पहुंची है। गुरुवार को रेलवे विजिलेंस की टीम भी आई है। दोनों टीम के अधिकारी सुबह 10 बजे पहुंचे और विभाग प्रमुखों के मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया है। सीबीआई के अफसरों ने कार्यालय में रखे दस्तावेज भी खंगाले। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज को जब्त कर तीन से चार विभाग के कार्यालयों को सील किया गया है। सूत्रों के मुताबिक CBI को शिकायत की गई है कि ठेकेदार से जितना काम लिया जा रहा है, उससे कहीं अधिक का भुगतान किया जा रहा है। सीबीआई की जांच से रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है।

किसी को अंदर-बाहर नहीं जाने दिया गया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई-3 पुरैना के रेलवे पीपी यार्ड में बुधवार को सीबीआई की 5 सदस्यीय टीम ने दबिश दी थी। सीबीआई ने पूरे पीपी यार्ड को सील करवा दिया था। किसी को अंदर और बाहर नहीं जाने दिया गया। सभी के मोबाइल भी टीम ने जब्त कर लिए थे। टीम ने 12 घंटे तक पीपी यार्ड के रिकार्ड को खंगाला। अफसरों और कर्मियों से पूछताछ करने के बाद कुछ कार्यालयों को सील कर दिया है। गुरुवार को सीबीआई के अफसर फिर पीपी यार्ड पहुंचे और बुधवार को सील किए गए दफ्तर को खोलकर दस्तावेजों की बारीकी से जांच में जुटी रही। छापे के दौरान गेट के बाहर पुलिस के जवान भी तैनात कर दिए गए।

यार्ड में मालगाड़ियों का होता है मेंटेनेंस
बता दें कि पीपी यार्ड में भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) से आने-जाने वाले मालगाड़ियों का मेंटेनेंस किया जाता है। इसके अलावा SECR रुट पर चलने वाली मालगाड़ियां भी इस यार्ड में मेंटेनेंस के लिए आती है। इसमें साफ-सफाई, वेल्डिंग और गुड्स ट्रेनों के दरवाजे बदलने सहित कुछ कार्यों को सालाना करोड़ों रुपये के ठेके पर विभिन्न एजेंसियों को दिया गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि रेलवे के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों ने किए गए काम से अधिक राशि का भुगतान बिल ठेका एजेंसियों के नाम पर बना दिया है। बिलिंग की यह राशि अनुबंध से बहुत ज्यादा बताई जा रही है।

सूची में जितना काम नहीं उससे ज्यादा भुगतान
सूत्र बताते हैं कि पीपी यार्ड में एक रैक वैगन आने पर अधिकारी उसका जायजा लेते हैं। इसके बाद कितने वैगन में क्या-क्या मरम्मत करना है, उसकी पूरी सूची तैयार होती है। इसके बाद सुपरवाइजर को काम की लिस्ट थमा दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक CBI तक शिकायत इस बात की हुई है कि वैगन के मरम्मत के लिए सूची में जो काम बताए हैं, उससे अधिक कार्य का ठेका एजेंसी को भुगतान किया गया है। वैगन में जिस साइज की प्लेट लगाई गई है, उससे बड़ी प्लेट का भुगतान तो नहीं किए हैं। वैगन नंबर के आधार पर आगे भी यह जांच चलने की बात कही जा रही है।

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