15.5 C
Raipur
Tuesday, November 19, 2024

CGPSC की भर्तियों में पारदर्शिता लाने साय सरकार ने किया आयोग का गठन, UPSC के पूर्व चेयरमैन प्रदीप जोशी बनाए गए अध्यक्ष

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं को संघ लोक सेवा अयोग की तर्ज पर पारदर्शी बनाने संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार जोशी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। पिछले सरकार के दौरान CGPSC में भर्ती को लेकर काफी बखेड़ा खड़ा हुआ था। अफसर और नेताओं के परिवार के लोगों को भर्ती की गई थी।

सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार जोशी की अध्यक्षता में गठित आयोग छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं को संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर पारदर्शी बनाने के लिए सुझाव देने के साथ ही विभिन्न विभागों के परीक्षा आयोजन का वार्षिक कैलेण्डर बनाने और परीक्षार्थियों में आयोग के प्रति विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सुझाव भी देगी।

हाई कोर्ट ने 18 भर्तियों को रोका था
बता दें कि भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे। भर्ती का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी। साथ 18 उच्च पदों पर भर्ती को रोक दिया था। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के साथ सीजीपीएससी मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। विष्णुदेव साय सरकार की कैबिनेट ने सीबीआई जांच का प्रस्ताव पास किया है।

विधानसभा चुनाव में बनाया था मुद्दा
CGPSC गड़बड़ी को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था। इसे मोदी की गारंटी में शामिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में इसे लेकर तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोला था। मोदी ने छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद सीबीआई जांच कराने की बात कही थी। साय सरकार के गठन के साथ ही इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया है।

2022 की परीक्षा में हुई थी गड़बड़ी
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के साथ विष्णुदेव साय सरकार ने सीजीपीएससी के अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को हटा दिया। उनकी जगह नए अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। 11 मई 2022 के रिजल्ट जारी होने के बाद इसमें गड़बड़ियों की जांच की बात सामने भाजपा ने कही थी। सही उत्तर लिखने वालों को कम नंबर मिले। रिजल्ट में कई अफसरों और राजनेताओं के रिश्तेदारों के नाम थे। भाजपा ने कुछ नाम भी उजागर किए थे।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here