चण्डीगढ़.एजेंसी। पंजाब के किसानों ने शुक्रवार को लालड़ू के पास चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को जाम कर दिया। किसान सड़क पर बैठे हैं और दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लगी हैं। किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर पहुंचे हैं। किसानों के प्रदर्शन से अंबाला से चंडीगढ़ की ओर जाने वाला यातायात बाधित हो गया है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लग गई हैं। प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़ से अंबाला की ओर जाने वाले यातायात को लालड़ू आईटीआई से डायवर्ट किया गया है। किसानों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की होने की भी खबर है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
बता दें कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार से 19 किसान-मजदूर संगठन रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं। किसान पंजाबभर में रेलवे लाइनों पर बैठ गए थे। रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद दिल्ली से अमृतसर, पठानकोट से अमृतसर और पंजाब से चंडीगढ़, जालंधर, लुधियाना से मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का रूट्स पूरी तरह से ठप हैं। सैकड़ों यात्री पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर फंस गए हैं। गुरुवार को 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं। वहीं शुक्रवार को 90 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें से 80 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है।
30 सितंबर तक जारी रहेगा प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि बाढ़ और बरसात से फसलों का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। बहुत सारे किसानों की न तो अभी तक गिरदावरी हुई है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। जिन्हें मुआवजा मिला भी है, वह बहुत कम है। किसान संगठनों का कहना है कि कम से कम प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा किसानों को दिया जाए। केंद्र सरकार भी बाढ़ से नुकसान के लिए 50 हजार करोड़ रुपये पंजाब सरकार को दे। साथ ही दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज हुए केस भी रद्द किया जाए। किसानों का यह प्रदर्शन 30 सितंबर तक जारी रहेगा।
किसानों की यह है मुख्य मांगें
- घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बने अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध पक्का किया जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए।
- बाढ़ के कारण जमीन में अधिक मिट्टी बहने के कारण फसलों के खराब होने का मुआवजा दिया जाए, 50000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।
- किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन पांच एकड़ तक की शर्त को हटाकर कुल खराब हुई जमीन का मुआवजा दिया जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाया जाए।
- ब्लॉक डेराबस्सी के घग्गर और झरमल नदी और बरसाती नालों में आ रही फैक्ट्री का गंदा पानी तुरंत बंद किया जाए या फिर साफ करके छोड़ जाए।
- बाढ़ के कारण गांव टिवाना में बने हुए घग्घर पर बने हुए काजवा टूटने के कारण रास्ता बंद हो गया घग्गर नदी को पक्का पुल बनाया जाए।
- बाढ़ के कारण गिरे मकान मालिकों को मुआवजा दिया जाए।
- बरसात के बाढ़ के कारण टूटी हुई इलाके की सड़कों को तुरंत ठीक किया जाए।