RAIPUR. newsupindia.com
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान दिव्यांगजनों की नौकरी का मुद्दा उठा। इस दौरान भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने सवाल पूछा तो मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए कहा- विभिन्न विभागों से अधिनियम पर अभिमत लेने की प्रक्रिया जारी है, जिस पर अभिमत आना बाकी है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हिदायत देते हुए कहा कि विभाग को दिव्यांगजनों के संबंध में संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में चीफ सेक्रेटरी को आड़े हाथ लिया।
भाजपा विधायक प्रबोध मिंज ने दिव्यांगों के लिए पदों और 2016 में बने अधिनियम लागू होने को लेकर सवाल पूछा। जिस पर महिला एवं बाल मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जानकारी देते हुए कहा कि दिव्यांगजन अधिनियम 2016 को लागू करने और विभिन्न विभागों से अधिनियम पर अभिमत लेने की प्रक्रिया जारी है। प्रबोध मिंज ने कहा कि सात सालों से सिर्फ प्रक्रिया ही चल रही है। अब तक न पदों का चिन्हांकन हो सका और न भर्ती हो सकी है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन ने दी हिदायत
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि 24 विभागों से अभिमत आया है। 26 विभागों से अभिमत आना बाकी है। अभिमत के बाद योजना लागू होगी। वहीं इस दौरान प्रबोध मिंज के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने निर्देश देते हुए कहा कि 9 साल से प्रक्रिया ही चल रही है। पद चिन्हांकित भी नहीं हो सका। विभाग को दिव्यांगजनों के संबंध में संवेदनशील होना चाहिए। विभाग समय-सीमा निर्धारित करें, जिसमें प्रक्रिया पूरी हो सके।
दिव्यांगजनों के साथ धोखा कर रही सरकार
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के साथ धोखा कर रही है। भाजपा सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखने की बात कही है, लेकिन कुछ हो नहीं रहा है। इस पर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव को इसकी चिंता करनी चाहिए। 6 माह के भीतर पदों का चिन्हांकन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय-सीमा निर्धारित करें, जिसमें प्रक्रिया पूरी हो सके और दिव्यांगों को लाभ मिल सके।