RAIPUR. newsupindia.com
छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में घोटाले का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने रीएजेंट सप्लाई का मुद्दा उठाते हुए उपकरण सप्लाई की दरों को लेकर जानकारी मांगी। जिस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि दोषी अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को हमने जांच सौंपा है। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि साल 2024-25 में 120 करोड़ का प्रावधान किया गया था, लेकिन अफसरों ने 385 करोड़ की खरीदी कर ली गई। विभागीय जांच की गई, जिसमें गड़बड़ी उजागर हुई है। राज्य शासन ने जांच के लिए इस मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपा है। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस दौरान अजय चंद्राकर ने बगैर राशि के खरीदी पर सवाल उठाते हुए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की भी जानकारी मांगी।
दोषी अफसरों के खिलाफ चल रही जांच
विधायक अजय चंद्राकर के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि हमने जांच रिपोर्ट मंगाई है। 15 अफसरों के खिलाफ ईओडब्ल्यू को हमने जांच सौंपा है। अजय चंद्राकर ने पूछा- मोक्षित कॉर्पोरेशन ने क्या गड़बड़ी की है। इस पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बगैर मांग के सप्लाई की गई है। तय दर से कई गुणा अधिक कीमत पर सामानों की आपूर्ति की गई। राज्य शासन को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रथम दृष्टया सप्लायर शंशाक को जेल में डाला गया है, जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसर पर शिकंजा
EOW ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है। एफआईआर में 750 करोड़ का घोटाला बताया गया है। एफआईआर में स्वास्थ्य संचालक और सीजीएमएससी की एमडी पर गंभीर टिप्पणी की गई है। इस एफआईआर के बाद यह माना जा रहा है कि जांच की जद में कई आला अफसर आ सकते हैं। चर्चा है कि इस घोटाले में शामिल रहे लोगों की जल्द गिरफ्तारियां होंगी। ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से राज्य शासन को अरबों रुपये की चपत लगाई गई।
EOW ने IAS भीम सिंह से की पूछताछ
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन में 660 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अब तेज हो गई है। इस मामले में अब तीन आईएएस अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने IAS भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई से पूछताछ के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसके बाद अब इन तीनों अधिकारियों को समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। गुरुवार को एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम IAS भीम सिंह से पूछताछ की है। इससे एक दिन पहले बुधवार को आईएएस चंद्रकांत वर्मा से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई थी। अफसरों से घोटाले से जुड़े दस्तावेजों और टेंडर प्रक्रिया को लेकर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।