KANKER. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में धर्मांतरण और दो ननों को हिरासत में रखने का मामला गरमाया हुआ है तो दूसरी तरफ कांकेर में जिले में ईसाई धर्म अपनाने वाले शख्स के शव को दफनाने के लिए दो पक्षों में जमकर बवाल हुआ। हजार से ज्यादा की भीड़ ने चर्च और घरों में तोड़फोड़ की है। मामले इतना बढ़ा कि एसडीएम और पुलिस की मौजूदगी में कब्र खोदकर लाश को निकालना पड़ा। अब इस मामले में नया मोड़ ले लिया है। मृतक के भाई ने हत्या की आशंका जताई है, जिसके बाद शव को मरच्युरी में रखवाया गया है। अब पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की सही वजह सामने आ पाएगी।
दरअसल, यह पूरा मामला कांकेर जिले के नरहरपुर थाना क्षेत्र का है। नरहरपुर ब्लॉक अंतर्गत जामगांव निवासी सोमलाल राठौर आदिवासी थे। उसने तीन साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया। सोमलाल राठौर की तबियत खराब थी और रविवार को उसकी मौत हो गई। निधन होने पर उनके बेटे और पत्नी ने उसके शव को अस्पताल से गांव लाकर जामगांव नाला के पास ईसाई धर्म से दफना दिया था। जब गांव वालों को जब इसकी जानकारी हुई तो लोग दफाए गए स्थल पर एकत्रित हो गए और जमकर हंगामा किया। जामगांव की सरपंच भगवती उईके ने कहा कि मौजूदा स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि समय रहते उचित निर्णय लिया जाए। इधर गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात है। बता दें जामगांव में ईसाई समुदाय के लोग पहले नहीं रहते थे। आदिवासी ही ईसाई धर्म को अपनाएं हैं। गांव में ईसाई कब्रिस्तान नहीं है। बस्तर संभाग के कई जिलों में इससे पहले भी शव दफनाने का विवाद सामने आ चुका है।
ईसाई धर्म मानता था, कब्रिस्तान में दफनाओ
ग्रामीणों का कहना था कि किसी को कहीं भी नहीं दफना सकते हैं। मृत व्यक्ति को श्मशान घाट में ही दफनाना चाहिए था। हिन्दुओं के गांव में ईसाई का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। ईसाई धर्म मानने वाले व्यक्ति के शव को कब्रिस्तान में दफनाना चाहिए। गांव में कब्रिस्तान नहीं है। ऐसे में शव को बाहर निकालने को लेकर खूब हंगामा हुआ। दफन किए गए शव को निकालने और आदिवासी समुदाय के हिसाब से अंतिम संस्कार करने की मांग ग्रामीण करने लगे। इधर कांकेर कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि मृतक के बड़े भाई की शिकायत पर शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मृतक के भाई ने हत्या की आशंका जताई
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को हजारों की भीड़ चर्च पहुंची और जमकर तोड़फोड़ किए। इतना ही नहीं ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंचे और ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की घरों में तोड़फोड़ करने लगे। पुलिस ने समझाने की कोशिश की लेकिन धीरे-धीरे ग्रामीणों का विरोध हिंसक हो गया। इसी बीच मृतक के भाई-बहनों ने हत्या की आशंका जताई है। भाई की मौत के बाद उन्हें सूचना दिए बगैर दफना दिया गया, जो संदेहास्पद हैं। इसके बाद पुलिस ने एसडीएम की मौजूदगी में शव को कब्र से बाहर निकाला गया। शव को मर्च्यूरी में रखवाया है। अब शव का पोस्टमार्टम करवाया जायेगा।