रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को वोट देना यानि छत्तीसगढ़ अडानी को सौंप देना है। छत्तीसगढ़ के मिनरल्स पर उनके उद्योगपति मित्रों की नजर है, लेकिन बीच में कांग्रेस खड़ी है, इसीलिए तो ED-IT की रेड पड़ रही है। कोयला खदान, आयरन ओर, रेलवे, एयरपोर्ट सब बेच रहे हैं। अभी रायगढ़ जिले की गारे-पेलमा खदान अडानी को सौंप दिया। अब एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को सौंपने की तैयारी चल रही है।
रायपुर हेलीपेड पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) खुद कोयले का उत्खनन करता है। रायगढ़ जिले के गारे-पेलमा खदान को 20 साल के लिए अडानी को दे दिया गया है। छत्तीसगढ़ में बहुत सारी खदानों को दिया गया है। खासकर आयरन ओर की बात करें तो एनएमडीसी और सीएमडीसी का ज्वाइंट वेंचर था। एनसीएल बना और उसके बाद एमडीओ अडानी को नियुक्त किया गया। बस्तर में आंदोलन हुआ। वहां के लोगों से बात करने पीसीसी चीफ व सांसद दीपक बैज खुद गए। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच कराई गई।
कोयला, आयरन, ट्रेन, एयरपोर्ट सब बेच रहे
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ग्रामसभा प्रस्ताव गलत पाया गया। उसे निरस्त कर दिए। NMDC (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड) को कितने बार हम लोगों ने पत्र लिखा, लेकिन 4 साल से ज्यादा समय हो गया उसे निरस्त नहीं किया गया। इसका मतलब साफ है कि भारतीय जनता पार्टी को वोट देना यानी सीधे-सीधे अडानी को छत्तीसगढ़ को सौंप देना है। केंद्र की मोदी सरकार ने चाहे कोयला खदान हो, आयरन ओर हो, ट्रेन हो या एयरपोर्ट हो सबके लिए यही स्थिति बन रही है।
खदान नहीं दिए इसलिए ED-IT की कार्रवाई
सीएम भूपेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ईडी-आईटी की जो कार्रवाई हो रही, है केवल इसलिए कि हम कोयला खदान नहीं दे रहे हैं। राजस्थान को अलाट एकमात्र कोयला खदान चल रहा है। इसके बाद जितने भी कोयला खदान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अलाट किया था, वह एक भी नहीं चले या शुरू नहीं हो पाया। आयरन ओर हम नहीं चलने दे रहे हैं। बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट अभी शुरू नहीं हुआ है। उसे ये लोग बेचने के बजट में शामिल कर चुके हैं। कुछ दिन बाद उसका लोकार्पण होगा और फिर सब घूम फिर करके वहीं (अडानी के पास) जाना है।