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Thursday, May 29, 2025

छत्तीसगढ़ DMF घोटाला: 6 हजार पन्नों की चार्जशीट में खुलासा, 40% कमीशन पर बांटते थे ठेका, इतने करोड़ रुपये का मिला Commission…

RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ 6000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट पेश की है। इस घोटाले में सरकारी पदों का दुरुपयोग कर करीब 75 करोड़ रुपये का कमीशन लेकर डीएमएफ से मनमाने ढंग से ठेके बांटे गए। जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू के अनुसार इस मामले में दो और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी है। सबूतों के आधार पर जल्द ही उनके नाम सार्वजनिक किए जा सकते हैं और गिरफ्तारी की कार्रवाई भी हो सकती है।

ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे एक सुनियोजित सिंडिकेट का हाथ था, जिसमें कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, निलंबित पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया और सस्पेंड आईएएस अफसर रानू साहू की प्रमुख भूमिका रही। तीनों ने मिलकर न केवल अपने मनपसंद अधिकारियों की पोस्टिंग करवाई, बल्कि संयुक्त कलेक्टर भरोसाराम ठाकुर को नोडल अधिकारी नियुक्त कर योजनाओं की राशि को नियंत्रित करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अपनी पसंद के ठेकेदारों और एनजीओ को अनुचित तरीके से ठेके दिए और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई को अंजाम दिया। मामले की जांच अभी जारी है।

40% कमीशन में लेकर बांटते थे टेंडर
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डीएमएफ के तहत ठेका पाने के लिए ठेकेदारों से पहले 40% कमीशन लिया जाता था। बिना कमीशन भुगतान के वर्क ऑर्डर जारी नहीं होता था। इसमें जनपद पंचायतों के सीईओ का 2-3% हिस्सा तय था और बाकी पैसा “ऊपर” तक पहुंचता था। डायरी, दस्तावेज और गवाहों के बयानों में यह बात साफ तौर पर सामने आई है कि इस सिंडिकेट का सीधा संपर्क मुख्यमंत्री सचिवालय तक था, जहां सौम्या चौरसिया उप-सचिव के रूप में कार्यरत थीं। डीएमएफ को विकास योजनाओं के नाम पर बांटा गया, लेकिन इसका असली उद्देश्य कमीशनखोरी और फर्जी कार्यों के जरिए सरकारी फंड की लूट थी।

किन विभागों में हुआ पैसों का दुरुपयोग?

  • आदिवासी विकास विभाग, कोरबा – 29.86 करोड़
  • खेल एवं युवा कल्याण विभाग -27.62 करोड़
  • समग्र शिक्षा विभाग, कोरबा -72.26 करोड़
  • महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा -119.39 करोड़
  • जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा -110.14 करोड़
  • जनपद पंचायत पाली -146.13 करोड़
  • जनपद पंचायत करतला -16.80 करोड़
  • जनपद पंचायत कोरबा -15.24 करोड़
  • ठेकेदार संजय शेडे को दिया टेंडर -114.24

अब तक गिरफ्तार हुए अफसर और ठेकेदार

  1. रानू साहू – तत्कालीन कलेक्टर (पूर्व आईएएस), कोरबा
  2. सौम्या चौरसिया – तत्कालीन उप सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय
  3. सूर्यकांत तिवारी – कारोबारी, सिंडिकेट का मास्टरमाइंड
  4. भरोसाराम ठाकुर – संयुक्त कलेक्टर व नोडल अधिकारी
  5. भुवनेश्वर सिंह राज – तत्कालीन सीईओ, पोड़ी जनपद पंचायत
  6. वीरेंद्र राठौर – तत्कालीन सीईओ, पाली-कटघोरा
  7. राधेश्याम – तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत कोरबा
  8. मनोज द्विवेदी – उदगम सेवा समिति (NGO संचालक)
  9. एक सहायक आयुक्त, आदिवासी विभाग, कोरबा
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