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Friday, November 22, 2024

Liquor Scam: UP पुलिस ने अनवर ढेबर को कोर्ट में किया पेश, न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल, कैसे हुआ नकली होलोग्राम से करोड़ों का खेला, जानिए…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कारोबारी अनवर ढेबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेरठ कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने ढेबर को 10 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया है। मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। उत्तर प्रदेश STF इस पूरे मामले की जांच कर रही है। संभवता अगली सुनवाई पर STF पुलिस रिमांड के लिए आवेदन लगा सकती है। आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को भी यूपी पुलिस ने नकली होलोग्राम मामले में गिरफ्तार किया है। नकली होलोग्राम केस में ED ने नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी।

बता दें कि नकली होलोग्राम बनाए जाने के आरोप पर अनवर ढेबर समेत अन्य आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में अपराध दर्ज है। इस मामले पर दो दिन पहले अनवर ढेबर को रायपुर से उत्तर प्रदेश एसटीएफ प्रोडक्शन वारंट में लेकर गई है। ढेबर को यूपी पुलिस मेरठ लेकर पहुंची और कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद यूपी एसटीएफ ने पुलिस रिमांड नहीं मांगी। इस दौरान कोर्ट ने अनवर ढेबर को 10 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया है। अब अनवर को 1 जुलाई को दोबारा कोर्ट में पेश किया किया जाएगा। संभवतः यूपी STF उस समय रिमांड की मांग कर सकती है।

ED ने नोएडा थाने में दर्ज कराई थी FIR
जुलाई 2023 में नकली होलोग्राम मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 3 मई को उत्तर प्रदेश STF ने प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में विधु गुप्ता ने अनवर और अरुणपति का नाम लिया था। विधु गुप्ता ने यह भी बताया था कि कंपनी से पांच साल में 80 करोड़ होलोग्राम बनाने का अनुबंध किया गया था।

छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम की सप्लाई
ईडी की FIR के अनुसार छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने अवैध रूप से प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा.लि. को टेंडर दिया था। कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से निविदा शर्तों को संशोधित किया गया और अवैध रूप से निविदा आवंटित की गई। बदले में कमीशन लिया और डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ में सक्रिय गैंग को किया गया। प्रति होलोग्राम आठ पैसे कमीशन तय किया गया था। पार्टी को टेंडर दिलाने 90 लाख रुपये की रिश्वत भी ली गई थी।

फर्जी ट्रांजिट पास से दुकानों में पहुंची शराब
टेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता ने डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी अरुण पति त्रिपाठी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में की और फिर सक्रिय गैंग के सदस्य होलोग्राम को शराब की बोतलों पर चिपकाते थे और फर्जी ट्रांजिट पास के साथ दुकानों में पहुंचाते थे। इस काम में छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। ईडी ने इसे संरक्षण में संचालित 2000 करोड़ से अधिक का घोटाला बताया था।

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