रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े राजनीतिक नरसंहार झीरम घाटी हमले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने NIA की याचिका को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस को मामले की जांच की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा है हम मामले में दखल नहीं देंगे। जिस समय यह हमला हुआ था, उस समय छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। अब उम्मीद करनी चाहिए कि झीरमघाटी के साजिशकर्ता बेनकाब होंगे। इधर भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा- झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2018 में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने झीरम घाटी हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसके साथ ही राज्य पुलिस ने एनआईए से मामले के दस्तावेज मांगे थे, लेकिन जांच एजेंसी ने दस्तावेज देने से मना कर दिया था। उसके बाद कोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के आदेश को चुनौती दी थी। बस्तर के झीरम घाटी में 25 मई 2013 को माओवादियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। इस हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, पीसीसी चीफ नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, कांग्रेस नेता उदय मुदलियार सहित कुल 32 लोगों की जान गई थी।
राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं कीः भूपेश
सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है। झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की, लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरू की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था। सब साफ़ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि।’