नई दिल्ली. एजेंसी। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार शाम करीब 4.45 बजे उप राज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। उनके साथ आतिशी समेत सभी मंत्री मौजूद रहे। दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है। इससे पहले आतिशी मार्लेना को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया गया। केजरीवाल ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा। इस पर विधायकों ने सहमति जताई।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने आतिशी के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि हमने विषम परिस्थितियों में यह फैसला लिया है। अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी पर कीचड़ उछाला गया। जनता जब तक उन्हें नहीं चुनती वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। दोपहर एक बजे आतिशी ने मीडिया से बात की और कहा कि ‘मैं अपने गुरु अरविंद केजरीवाल जी का धन्यवाद करती हूं। जिन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी। मुझे बधाई मत दीजिएगा, माला मत पहनाइएगा, मेरे लिए, दिल्लीवालों के लिए दुख की घड़ी है कि चहेते मुख्यमंत्री इस्तीफा देंगे।’
बता दें कि 13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि’अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान। जनता ने दाग धोया और विधानसभा चुनाव जीता तो फिर से कुर्सी पर बैठूंगा।’
आतिशी ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने दुष्प्रचार किया। फर्जी आरोप लगाए। केंद्र ने अपनी सारी एजेंसीज को उनके पीछे छोड़ दिया। 6 महीने जेल में रखा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की तीखी टिप्पणी भी की। कोई और व्यक्ति होता तो वह तुरंत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गया होता। केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता का फैसला मानूंगा। ये हमारे लिए दुख का क्षण है। दिल्ली के लोग इस बात का प्रण ले रहे हैं कि अगले चुनाव में वे केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे।