रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन में बड़ी घोषणा करते हुए 2020 में लिए गए कोल परिवहन परमिट और स्वीकृति के फैसले को रद्द कर दिया है। CM ने कहा कि खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था। हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है। मैं तात्कालिक संचालक की ओर से 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं। अब ये प्रक्रिया ऑफलाइन न होकर ऑनलाइन ही होगा।
बता दें कि सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मसला ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में उठाया। विधायक मूणत ने कहा कि खनिज विभाग के किस अधिकारी ने और किसकी सहमति से ऑनलाइन प्रक्रिया चल रही थी, उसमें संसोधन को हरी झंडी दी? कोयला परिवहन के नाम पर प्रदेश में अवैध वसूली का खेल चला। कौन-कौन अधिकारी जांच के घेरे में है और क्या कार्रवाई हुई है?
ED कर रही जांच, ACB में अपराध भी दर्ज
विधायक मूणत ने यह भी पूछा कि ऐसी क्या वजह थी कि ऑनलाइन प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया? क्या संचालक ऑफलाइन करने के लिए अधिकृत है? क्या भारसाधक मंत्री से अनुमति ली गई? क्या ये केस CBI को सौंपा जाएगा और ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन करेंगे? इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए कहा, बगैर परिवहन पास लिए परिवहन किया जा रहा था। संचालक ने 2020 में नए निर्देश दिए थे। संचालक IAS समीर विश्नोई अभी जेल में बंद है। एंटी करप्शन ब्यूरो में मामला विवेचनाधीन है और इससे संबंधित मामले की ईडी जांच कर रही है।
2020 से परिवहन पास ऑफलाइन किया गया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था। हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है। मैं तात्कालिक संचालक की ओर से 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं। अब ये प्रक्रिया ऑफलाइन न होकर ऑनलाइन ही होगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी इस दौरान कहा कि मुख्यमंत्री साय ने बहुत बड़ी घोषणा की है। कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति की प्रक्रिया ऑफलाइन से ऑनलाइन कर दिया है।
540 करोड़ लेवी का ED ने किया था खुलासा
बता दें कि पिछली सरकार में ऑनलाइन पद्धति को बदलकर ऑफलाइन किया गया था, जिसमें 25 रुपये प्रतिटन लेवी वसूली का खुलासा ईडी ने किया है। 540 करोड़ रुपये के कोल स्कैम की जांच ईडी कर रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो में 35 लोगों पर अपराध दर्ज किया गया है। ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में करीब 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है। इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्तियों को बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया है। ईडी की चार्जशीट में IAS समीर विश्नोई, IAS रानू साहू, व्यवसायी सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी और उनके रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं।