बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
दुर्ग जिले के भिलाईनगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से झटका लगा है। न्यायाधीश राकेश मोहन पांडेय की एकलपीठ ने पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय द्वारा दायर चुनाव याचिका को खारिज करने के लिए लगाई गई देवेंद्र यादव की अर्जी को ठुकरा दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को सुनवाई योग्य माना है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। इससे पहले 21 जून को निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
बता दें कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने अधिवक्ता शैलेन्द्र शुक्ला और देवाशीष तिवारी के माध्यम से उच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने भिलाईनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में देवेंद्र यादव के निर्वाचन को चुनौती दी। याचिका में यह आरोप लगाया गया कि देवेंद्र यादव ने अपने आपराधिक इतिहास को छुपाया है। याचिका में यह भी कहा है कि रायपुर और बिलासपुर कोर्ट ने देवेंद्र यादव को समन जारी किया था। इसमें उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है।
पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश ने लगाई है याचिका
प्रेमप्रकाश पांडे की चुनाव याचिका को खारिज करने भिलाईनगर विधायक देवेंद्र यादव की ओर से एडवोकेट बीपी शर्मा ने याचिका लगाई है। तकनीकी आधार पर चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग की गई है, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी को ठुकरा दिया और इस मामले को सुनवाई योग्य माना है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 31 जुलाई को होगी। पांडेय ने दायर याचिका में देवेंद्र यादव पर वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव लड़ने दाखिल किए गए नामांकन पत्र में आपराधिक प्रकरणों और संपत्ति की गलत जानकारी दिए जाने का आरोप लगाया था।
महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का आरोप
प्रेमप्रकाश पांडेय द्वारा दाखिल इस याचिका में बताया गया है कि चुनाव आयोग प्रत्येक प्रत्याशी से शपथपत्र में आपराधिक और संपत्ति संबंधी मामलों की जानकारी मांगता है, लेकिन आयोग से जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है तो उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया कि देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है।