मुरैना. न्यूजअप इंडिया
मध्य प्रदेश के मुरैना में एक आरक्षक ने बुधवार को कई थानों की पुलिस को चकरघिन्नी की तरह घुमा दिया। उन्होंने खुद का अपहरण होने की नौटंकी की और अपनी पत्नी को फोन करके 40 लाख रुपये की फिरौती भी मांग डाली। आरक्षक के अपहरण की खबर से पुलिस भी हरकत में आ गया। पुलिस ने चार घंटे के भीतर ही आरक्षक को राजस्थान के करौली में ढूंढ निकाला, जहां वह अपने मामा के घर पलंग पर सोते मिला। आरक्षक के साथ उसका साढ़ू को पुलिस ने पकड़ा है।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की दोपहर सबलगढ़ थाने में लक्ष्मी रावत नाम की एक महिला पहुंची। उसने खुद को निरार थाने में तैनात आरक्षक शिवशंकर रावत की पत्नी बताया। रोती हुई लक्ष्मी ने बताया कि उसके पति का अपहरण हो गया है। अपहरण करने वाले डकैत पति को छोड़ने के एवज में 40 लाख रुपये मांग रहे हैं। रुपये नहीं देने पर पति की लाश टुकड़ों में भेजने की धमकी दे रहे हैं। आरक्षण के अपहरण की सूचना पर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। आरक्षक ने जिस मोबाइल नंबर से फोन कर फिरौती मांगी थी, पुलिस ने उसका लोकेशन ट्रेस किया।
मध्य प्रदेश से राजस्थान पहुंच गया
पुलिस की प्राथमिक जांच पड़ताल में मामला अपहरण जैसा ही लगा और आरक्षक की मोबाइल लोकेशन ट्रेस करते हुए सबलगढ़ थाने की पुलिस टीम राजस्थान के करौली पहुंच गई। करौली में बस स्टैंड के पास एक मकान में आरक्षक सोता मिला। यह मकान आरक्षक के मामा का था। आरक्षक के साथ उसका साढू योगेंद्र रावत भी मिला है। पुलिस टीम ने वह मोबाइल भी जब्त कर लिया, जिससे फिरौती के लिए फोन किया था। यह मोबाइल आरक्षक शिवशंकर रावत का है और आरक्षक व उसके साढ़ू ने ही आवाज बदलकर लक्ष्मी को अपहरण की बात बताते हुए 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी।
साढ़ू के साथ रची अपहरण की कहानी
आरक्षक शिवशंकर रावत मूल रूप से श्योपुर जिले की विजयपुर तहसील के सुनवई गांव का निवासी है। सोमवार को वह निरार थाने से तीन दिन की छुट्टी लेकर गया था। बुधवार दोपहर तक उसे थाने में आमद देनी थी, लेकिन वह अपने साढ़ू योगेंद्र रावत के साथ बाइक से करौली चला गया और वहां अपहरण की कहानी रच डाली। एएसपी डॉ. अरविंद ठाकुर ने कहा कि पुलिस जांच में जुटी है कि आरक्षक ने अपनी ही पत्नी से 40 लाख रुपये ऐठने यह कहानी क्यों रची।