रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के स्वामी आत्मानंद स्कूलों के संविदा कर्मियों को अब सीधे सरकार से वेतन मिलेगा। संविदा कर्मियों को लोक शिक्षण संचालनालय वेतन देगा। लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं सचिव को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। प्रदेश के करीब 403 स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लगभग 5000 संविदा कर्मियों को पिछले तीन-चार माह से वेतन नहीं मिला है। लोक शिक्षण संचालनालय को पैरेंट्स एसोसिएशन ने भी पत्र लिखा था।
बता दें कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूलों को शुरू किया था। इस योजना के तहत शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को च्वाइस दी गई थी कि वे चाहें तो इन स्कूलों में आकर इंग्लिश मीडियम से बच्चों की पढ़ाई कराएं। इसके अलावा अन्य पदों को भरने के लिए संविदा नियुक्ति भी की गई थी। तब इस पूरी योजना का संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलों में गठित समिति कर रही थी। इन स्कूलों के खर्च की भरपाई DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) से की जा रही थी। इसमें संविदा कर्मचारियों का वेतन भी शामिल था।
भूपेश बघेल सरकार में शुरू हुए आत्मानंद स्कूल
सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार ने योजना के संचालन में बदलाव कर दिया। इन स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी कलेक्टर की समिति से हटाकर सीधे शिक्षा विभाग को सौंप दिया। शासकीय शिक्षकों को तो उनका वेतन शिक्षा विभाग से होता रहेगा, लेकिन संविदा के लिए विवाद की स्थिति बन रही थी। उन्हें नौकरी जाने का डर भी सता रहा था। विधानसभा में स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार की बातें भी उठाई गई। उसके बाद स्कूलों को पीएमश्री योजना के तहत चलाने का मुद्दा उठा, जिस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला बोला था।
संचालनालय से डीईओ और सचिव को भेजा पत्र
लोक शिक्षण संचालनालय से सभी डीईओ और सचिव स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल को पत्र लिखा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि संविदा में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन भुगतान उत्कृष्ट शाला संचालन योजना के तहत स्थापना अनुदान मद में आवंटित राशि से किया जाएगा। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 4 मई को स्वामी आत्मानंद स्कूलों के कर्मचारियों को उत्कृष्ट शाला संचालन योजना से प्राप्त अनुदान से वेतन भुगतान करने सहमति दी थी।