कवर्धा. न्यूजअप इंडिया
1 जुलाई 2024 से भारत में 3 नए कानून लागू हो गए हैं। नया कानून लागू होते ही आम जनता को इसका फायदा भी मिलने लगा है। छत्तीसगढ़ की पहली एफआईआर कवर्धा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेंगाखार थाना में रात 12 बजकर 30 मिनट पर दर्ज हुई, जिसे रेंगाखार के रहने वाले एक युवक ने दर्ज करवाई। नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के लागू होने के कुछ देर बाद ही कबीरधाम एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के निर्देश पर पीड़ित को त्वरित न्याय के तहत कार्यवाही करते हुए थाना रेंगाखार में BNS की धारा 296, 351(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। संभवतः देश में यह पहला एफआईआर हो सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित इतवारी पंचेश्वर पिता सहदेव निवासी मोहनटोला थाना रेंगाखार जिला कबीरधाम के द्वारा पुलिस को लिखित सूचना मिली कि आरोपी गोलू ठाकरे निवासी रेंगाखार ट्रैक्टर का कागजात नहीं दे रहा है। उन्होंने पीड़ित के साथ मारपीट और गालीगलौज भी किया। पीड़ित द्वारा थाना रेंगाखार में रात 12.10 बजे लिखित आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर रात्रि 12.30 बजे आरोपी के खिलाफ BNS की धारा के तहत FIR दर्ज किया गया। थाना रेंगखार में नए कानून BNS के तहत देश का पहला FIR दर्ज होना, भारत के नए कानूनों के माध्यम से आम नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाकर नए कानूनों की मूल भावना के क्रियान्वयन की शुरुआत का प्रतीक माना जा सकता है।
जनता को निष्पक्ष न्याय सुलभ कराना उद्देश्य
नए कानून के तहत पहली FIR पर कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक ने कहा कि “नए कानूनों का उद्देश्य हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय सुलभ कराना है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधानों के तहत हमने यह सुनिश्चित किया है कि न्यायिक प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी और पारदर्शी हों। आज की घटना में पीड़ित के आवेदन पर शीघ्र कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा तत्काल FIR दर्ज करना हमारे नए कानूनों की प्रभावशीलता का स्पष्ट प्रमाण है। यह दर्शाता है कि हम अपने नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। इस त्वरित कार्रवाई से न केवल पीड़ित को समय पर न्याय मिलेगा, बल्कि समाज में यह संदेश भी जाएगा कि कानून और न्याय प्रणाली उनकी सुरक्षा और अधिकारों के लिए हमेशा तत्पर है। हमारी टीम की तत्परता और समर्पण इस बात का प्रतीक है कि हम न्याय की दिशा में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कानून से न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिले में नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत पहला FIR दर्ज होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। इससे स्पष्ट होता है कि ये कानून न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य है समाज में न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा देना। इन कानूनों के लागू होने से देश की न्यायिक प्रणाली में एक नया दौर शुरू होगा, जो न केवल अभियुक्तों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि सरकार न्यायिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह नया कानून भारतीय समाज को एक न्यायपूर्ण, समान और सुरक्षित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ऐतिहासिक FIR हमारे न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। नए कानूनों के तहत हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिलेगा।
1 जुलाई से देश में यह तीन नए कानून लागू हुए
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि भारत के नए कानून विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता (BNS) का उद्देश्य देश की न्यायिक प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है। 160 साल पुराने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर ये 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लाए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता लाना है, जिससे हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके।