नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) निदेशक एसके मिश्रा को 15 सितंबर तक ईडी निदेशक पद पर बने रहने की अनुमति दी। केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के तौर पर मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दे दी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या पूरा विभाग अक्षम लोगों से भरा है जो केंद्र ईडी निदेशक के कार्यकाल में विस्तार चाहता है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हम यह क्या तस्वीर पेश कर रहे हैं कि ईडी निदेशक पद के लिए कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है, क्या पूरा विभाग अक्षम लोगों से भरा है? सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया कि आगे कोई कार्यकाल विस्तार नहीं होगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि वह राष्ट्रीय हित में कार्यकाल विस्तार पर फैसला दे रहे हैं।
कार्यकाल विस्तार को कोर्ट ने अवैध ठहराया था
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को करारा झटका लगा था। शीर्ष कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था। संजय मिश्रा 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) आयकर कैडर के अधिकारी हैं। शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया। कोर्ट ने ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम 5 साल तक बढ़ाने के केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन को सही ठहराया।