रांची. एजेंसी। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक बड़ी सफलता मिली है। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े एक शख्स के घर से ED ने नोटों का पहाड़ बरामद किया है। नोटों के बंडल को गिनने बैंक से कर्मचारियों और मशीनों को मंगवाया गया है। ईडी की यह कार्रवाई झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय में टेंडर कमीशन घोटाला मामले से जुड़ा होना बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने रांची के 6 ठिकानों पर छापेमारी की है। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निज सचिव संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर के घर भी ईडी की तलाशी चल रही है। इस दौरान जहांगीर के घर ईडी अफसरों को इतना कैश मिला कि वे भी देखकर दंग रह गए। रकम 25 से 30 करोड़ से अधिक होना बताया जा रहा है। तलाशी के दौरान बरामद नकदी की गिनती जारी अभी जारी है। इधर BJP का दावा है कि झापेमारी में 30 करोड़ मिले हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस एक्सपोज हो गई है।
वीरेंद्र को फरवरी-2023 में गिरफ्तार किया
ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के राम से जुड़े केस में यह छापेमारी की थी। वीरेंद्र के राम को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था। कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में कथित तौर पर अनियमितता और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगने के बाद ईडी वीरेंद्र तक पहुंची थी। अब कैश बरामदगी के बाद ईडी इस मामले में कई और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। लोकसभा चुनाव के बीच कैश बरामदगी से इस पर राजनीतक बवाल भी तय है।
आलमगीर आलम के बारे में भी जानिए…
बता दें कि आलमगीर आलम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री हैं। इससे पहले हेमंत सोरेन सरकार में भी वह मंत्री थे। वह विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। आलमगीर आलम साहिबगंज जिले के रहने वाले हैं। झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार में आलमगीर को काफी ताकतवर माना जाता है। अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से विरोध के बावजूद उन्हें चंपाई सरकार में कांग्रेस के कोटे से मंत्री बनवाया गया।