RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टोडियल रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। विशेष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के बाद ईडी की अर्जी मंजूर करते हुए चैतन्य को 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया है। अब 23 अगस्त तक ईडी उनसे पूछताछ करेगी।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को उनकी 14 दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। उस दौरान अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। साथ ही ईडी ने चैतन्य को कस्टडी में लेकर पूछताछ की मांग की थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। ईडी ने अदालत में दलील दी थी कि जांच के दौरान नए तथ्य सामने आए हैं और चैतन्य बघेल से पूछताछ जरूरी है। अदालत ने यह दलील स्वीकार कर उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया।
रायपुर जेल में पहले से ये आरोपी बंद
ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अरविंद सिंह, लीकर कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी अभी रायपुर जेल में कैद है। फिलहाल ED और EOW मामले की मामले की जांच कर रही है।
जन्मदिन पर चैतन्य को गिरफ्तार किया था
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को उनके जन्मदिन पर भिलाई तीन स्थित निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है। यह आरोप है कि शराब घोटाले से प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 3200 करोड़ रुपये की अवैध कमाई शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों तक पहुंचाई गई। ED के मुताबिक चैतन्य बघेल को भी शराब घोटाले में बड़ी रकम मिली है। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं ने काफी हंगामा भी किया था। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया था। ED की कार्रवाई को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जहां से उन्हें हाईकोर्ट जाने भी कहा था।