रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के चर्चित आबकारी घोटाले मामले में गिरफ्तार रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा की एक दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने टुटेजा को 2 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को PMLA कोर्ट में होगी। ED ने करीब सोलह पन्नों में गिरफ्तारी के आधार के रूप में कथित शराब घोटाला में अपराध क्या था, अपराध कैसे हुआ और उसमें अनिल टुटेजा की भूमिका क्या है। ये सारी बातें न्यायाधीश को बताई।
बता दें कि शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ऑफिस से अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को समन देकर पूछताछ करने अपने साथ लेकर जोनल ऑफिस गई थी। दोनों से लंबी पूछताछ के बाद सुबह यश टुटेजा को छोड़ दिया, लेकिन अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशकर किया। ईडी ने अनिल टुटेजा से ED द्वारा आबकारी घोटाले मामले में दर्ज की गई फ्रेश ECIR में पूछताछ करने 14 दिन की रिमांड मांगी। ED और बचाव पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद JMFC कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के बाद देर शाम अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।
16 पन्नों की रिपोर्ट, ED ने यह भी बताया
शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 5 आरोपियों को कोर्ट से राहत मिली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 2 दिन बाद ही इस केस में ACB-EOW की FIR को आधार बनाते हुए ED ने नई ECIR दर्ज की थी। ED ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी में कई आधार बताए हैं। करीब 16 पन्नों पर ED ने ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्यौरा दिया है। ED का कहना है कि शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी। टुटेजा कंट्रोलर की भूमिका में थे। ED ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है।
सोशल मीडिया में एक पत्र ऐसा भी वायरल
छत्तीसगढ़ में चर्चित कोल स्कैम और शराब घोटाले का जिक्र होता है। तब-तब तीन लोगों के नाम प्रमुखता से आते हैं, इसमें अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया और विवेक ढांढ…। तीनों छत्तीसगढ़ के ब्यूरोक्रेट्स में काफी पावरफुल रहे हैं। ईडी ने सभी लोगों पर ACB में अपराध भी दर्ज कराया है। इस मामले में केंद्रीय आयकर विभाग द्वारा राज्य शासन के मुख्य सचिव को 7 अक्टूबर 2021 को पत्र भी लिखा गया था, जिसमें 27 फरवरी 2020 को IT की रेड में मिले इनपुट का जिक्र है। तीन अफसरों से संबंधित संक्षिप्त Annexure भी भेजा गया था। जब भी छत्तीसगढ़ के कोल, शराब या दूसरे घोटालों का जिक्र होता है या कोर्ट में सुनवाई होती है तो यह लेटर तेजी से सोशल मीडिया में वायरल होता है। इस पत्र में पीआर आयकर निदेशक अन्वेषण-1 का हस्ताक्षर भी दिखता है। CBI डॉयरेक्टर को कॉपी भेजना भी बताया गया है। अब सवाल यह उठता है कि लेटर सही है तो मुख्य सचिव ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया। पत्र में उल्लेखित नामों पर जांच क्यों नहीं बिठाई गई या फिर यह कोई षड़यंत्र तो नहीं। इस पत्र में कई बड़े लोगों के नाम हैं। यह पत्र भी जांच का विषय है।