25.9 C
Raipur
Thursday, July 31, 2025

सोशल मीडिया पर भिड़े दो पूर्व मुख्यमंत्रीः नक्सलवाद को लेकर डॉ. रमन और भूपेश ने एक-दूसरे के खिलाफ क्या लिखा पढ़िये…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमने-सामने हो गए। दोनों के बीच सोशल मीडिया X में वार-पलटवार हो रहा है। एक तरफ जहां भूपेश बघेल ने रमन सिंह को पार्टी का प्रवक्ता न होकर विधानसभा अध्यक्ष होने का हवाला ​दिया है तो वहीं डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ महतारी की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने की बात कहते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला।

रमन सिंह ने X पर पोस्ट कर कहा कि ‘नक्सलियों की मदद करना और वोट के लिए उनका इस्तेमाल करना हमेशा से कांग्रेस की नीति रही है। आज डबल इंजन की सरकार में नक्सलवाद खात्मे की ओर जा रहा है। तब कांग्रेस के पेट में दर्द उठ रहा है।’ इस पोस्ट पर भूपेश बघेल ने लिखा- ‘बस याद दिलाना चाहता हूं डॉक्टर साहब की अब आप मुख्यमंत्री नहीं है और ना पार्टी के प्रवक्ता है। अब आप विधानसभा अध्यक्ष हैं। अन्यथा ना लें पर आपका यह हाल आपकी पार्टी भाजपा ने किया है‌। बहरहाल आपका दायित्व है कि अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी को संरक्षण दें।’

https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1882781689497399589?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1882781689497399589%7Ctwgr%5E18b4b24b9045be186d0080edcc1e7b9fdf0dd244%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fpublish.twitter.com%2F%3Furl%3Dhttps%3A%2F%2Ftwitter.com%2Fbhupeshbaghel%2Fstatus%2F1882781689497399589

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस पोस्ट के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर फिर लिखा- ‘विधायक जी पाटन जब भी विषय मेरे छत्तीसगढ़ की सुरक्षा और नक्सली का होगा तब अंतिम सांस तक मैं छत्तीसगढ़ में महतारी के पक्ष में खड़ा रहूंगा। पद चाहे मुख्यमंत्री का हो या विधानसभा अध्यक्ष का, लेकिन मैं हमेशा छत्तीसगढ़ महतारी के सेवक के रूप में प्रदेश के हित में अपनी आवाज उठाता रहूंगा।’

डॉ. रमन सिंह के इस पोस्ट के बाद भूपेश ने फिर X पर लिखा- ‘माननीय पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर साहब, हम सब चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक की तरह आप भी “नक्सलवाद” के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहें. छत्तीसगढ़ महतारी ने आपको पंद्रह साल सेवा का अवसर दिया, तब यदि सुरक्षा सलाहकार से “वेतन लो, मौज करो” कहने की बजाय नक्सल नीति पर काम किया होता तो आज हम बहुत आगे खड़े होते। माफ़ कीजिएगा पर 76 सीआरपीएफ़ जवानों की शहादत और राजनेताओं पर नक्सलियों का सबसे बड़ा हमला आपके ही कार्यकाल के “काला अध्याय” हैं। हम सबका बस इतना कहना है कि अब आप “विधानसभा अध्यक्ष” की कुर्सी पर हैं तो “राजनैतिक” चश्मा उतार दीजिए। सरकार की तारीफ़ करनी है तो कीजिए… इसके लिए राजनीतिक बयान की बाध्यता नहीं है। अपने पद की गरिमा रखना ही छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा होगी। आप दीर्घायु रहें मान्यवर!’

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here